Union Budget 2023-24: लॉजिस्टिक्स (Logistics) पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा ग्रोथ वाले सेक्टर में शामिल रहा है। पिछले पांच साल में लॉजिस्टिक्स सेक्टर की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) 15 फीसदी रही है। अगले पांच साल में यह इससे भी तेज रहने की उम्मीद है। सरकार इस सेक्टर की लगातार मदद कर रही है। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण के अगले यूनियन बजट में इस सेक्टर पर सरकार का फोकस जारी रहने की उम्मीद है। लॉजिस्टिक्स सेक्टर के प्रतिनिधियों ने बजट से अपनी उम्मीदों के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को बताया है। उनका मानना है कि अगर वित्तमंत्री उनकी मांगें मान लेती हैं तो इससे इकोनॉमी ग्रोथ की रफ्तार बढ़ेगी। साथ ही लॉजिस्टिक्स सेक्टर में रोजगार के मौके भी बढ़ाए जा सकेंगे। सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को यूनियन बजट (Union Budget) पेश करेंगी।
इंफ्रास्ट्रक्टर प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे किए जाएं
लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की कंपनियों का मानना है कि वित्त मंत्री को अगले यूनियन बजट में ऐसे उपायों का ऐलान करना चाहिए, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा किया जा सके। इनमें लॉजिस्टिक्स पार्क्स, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स (DFCs) और कोल्ड स्टोरेज शामिल हैं। Allcargo Group के डिप्टी ग्रुप चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर दीपल शाह ने कहा, "इंडिया की प्रतियोगी क्षमता बढ़ाने के लिए बजट में सरकार को देशभर में डेडिडेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स पर फोकस करने की जरूरत है। सड़कों पर माल ढुलाई के बोझ को कम करने के लिए सरकार को डीएफसी के लिए प्रोत्साहन का ऐलान करना चाहिए। इससे लॉजिस्टिक्टस पर आने वाले खर्च में कमी आएगी। इस क्षेत्र की क्षमता भी बढ़ेगी।" लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों का यह भी कहना है कि सरकार को लॉजिस्टिक्स कंपनियों के लिए सब्सिडी का भी ऐलान करना चाहिए। इससे वे छोटे शहरों में वेयरहाउस बनाने के लिए प्रोत्साहित होंगी।
कोल्ड स्टोरेज इंडस्ट्री की आयातित इक्विपमेंट पर बहुत ज्यादा निर्भरता है। सरकार को ऐसे इक्विपमेंट का देश में उत्पादन पर जोर देना चाहिए। जब तक देश में इनके उत्पादन के लिए क्षमता तैयार नहीं हो जाती, तब तक इक्विपमेंट इंपोर्ट पर ड्यूटी घटाई जानी चाहिए। इससे कोल्डस्टोरेज की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी।
नेशलन लॉजिस्टिक्स पॉलिसी पर फोकस बढ़ाने की जरूरत
लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री ने सरकार की नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसीज का स्वागत किया है। उसका मानना है कि इस पॉलिसी में जो सिफारिशें की गई हैं, उन्हें लागू करने पर सरकार को फोकस बढ़ाने की जरूरत है। ऐसा करने से अगले 12 से 18 महीनों में लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम में बदलाव देखने को मिलेगा। शिपिंग प्लेटफॉर्म NimbusPost के को-फाउंडर यश जैन ने कहा कि बजट में फिजिकल एसेट के क्रिएशन के लिए स्टैंडर्ड का ऐलान होना चाहिए। साथ ही सर्विस स्टैंडर्ड के बेंचमार्क का भी ऐलान होना चाहिए। इससे National Logistics Policy को जल्द लागू करने में मदद मिलेगी।
यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस को जल्द तैयार किया जाए
सरकार ने Unified Logistics Interface Platform (ULIP) बनाने का ऐलान किया है। इसके डेवलपमेंट और इंटिग्रेशन का काम जल्द पूरा किया जाना चाहिए। इसका ऐलान NLP के तहत किया गया है। ULIP के तैयार होने से इस इंडस्ट्री के ऑर्गेनाइज्ड और अनऑर्गेनाइज्ड प्लेयर्स के बीच सहयोग बढ़ेगा। इससे ट्रैवल परमिट हासिल करने में लगने वाला समय घटेगा। साथ ही कस्टम क्लियरेंसेज भी जल मिलेगी। इससे पूरे लॉजिस्टिक्स सेक्टर की क्षमता बढ़ेगी।
कार्गो ट्रांसपोर्टेशन के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल
लॉजिस्टिक्स कंपनियां ने कार्गो के ट्रासंपोर्टेशन में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल शुरू करने की सलाह दी है। उसने कहा है कि इसके ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर खासकर चार्जिंग स्टेशंस बनाने की जरूरत है। इससे कमर्शियल पर्पस के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़ेगा। सरकार धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़ाना चाहती है। इसलिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर सब्सिडी का ऐलान होना चाहिए। इससे लॉजिस्टिक्स से जुड़े स्टार्टअप्स भी इलेक्टिक व्हीकल्स खरीद सकेंगे।