Union Budget 2023: अगला यूनियन बजट (Budget 2023) ऐसे वक्त आ रहा है, जब ग्लोबल इकोनॉमी में स्लोडाउन है। हाई इनफ्लेशन का असर अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ा है। इधर, इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ अच्छी है। कोरोना की महामारी के बाद इकोनॉमी में अच्छी रिकवरी दिख रही है। इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अनुमान है कि यूनियन बजट 2023 में लोकलुभावन ऐलान हो सकते हैं। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी। वह इकोनॉमिक रिकवरी की रफ्तार तेज करने वाले उपायों का भी ऐलान करेंगी।
कंजम्प्शन पर सरकार का फोकस बने रहने की उम्मीद है। खासकर ग्रामीण इलाकों में कंजम्प्शन बढ़ाने के उपाय बजट में हो सकते हैं। पूंजीगत खर्च पर भी सरकार का फोकस कम नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि अभी प्राइवेट सेक्टर में पूंजीगत खर्च में वृद्धि देखने को नहीं मिली है। इधर, जियोपॉलिटकल स्थितियों को देखते हुए डिफेंस पर भी सरकार का फोकस रहेगा। सरकार डिफेंस से जुड़े कई इक्विपमेंट का उत्पादन देश में करने पर जोर दे रही है। इसका मकसद आयात पर निर्भरता घटाना है। सरकार मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के उपायों पर भी जोर देगी। ऐसे में मनीकंट्रोल ने ऐसे 5 शेयरों की पहचान की है, जिनमें निवेश करने पर आपको शानदार मुनाफा हो सकता है।
बजट 2023 आने में बाकी हैं सिर्फ कुछ हफ्ते, इसकी खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
इस कंपनी का फोकस सस्ते घर (Affordable Housing) सेगमेंट पर है। कंपनी सेल्फ-एंप्लॉयड, ग्रामीण इलाकों और अर्द्धशहरी इलाकों पर ज्यादा जोर दे रही है। इसकी वजह यह है कि इन इलाकों में लोगों की पहुंच बड़े बैंकों तक कम है। कंपनी को लो-कॉस्ट हाउसिंग पर सरकार के फोकस का लाभ होगा। खास बात यह है कि प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मुकाबले इसकी लोन बुक अच्छी है। इसकी एसेट क्वालिटी और रिटर्न रेशियो भी अच्छा है।
इस कंपनी को मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की सरकार की पॉलिसी का फायदा मिलेगा। कंपनी डोमेस्टिक और इंटरनेशनल एयरकंडिशनिंग मार्केट (AC) में अपनी स्थिति मजबूत कर रही है। कंपनी का नया रूम एसी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी तैयार होने के करीब है। इसकी क्षमता 10 लाख यूनिट्स है। इससे आने वाले सालों में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है।
यूनियन बजट 2023 में सरकार का फोकस ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ाने पर होगा। डाबर इंडिया उन कंपनियों में से एक है, जिसकी ग्रामीण इलाकों के बाजारों पर अच्छी पकड़ है। करीब 90 फीसदी कैटेगरी में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है। बादशाह मसाला के अधिग्रहण के बाद स्पाइस सेगमेंट में कंपनी की एंट्री होने जा रही है।
सरकार का जोर क्लीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) पर है। इसका फायदा Fiem Industries को मिलना तय है। यह कंपनी EV OEM के साथ काम करती है। ईवी टू-व्हीलर मार्केट में इसकी हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा है। कंपनी को लाइट-इमिटिंग डायोड (LED) लाइट्स के बढ़ते इस्तेमाल का भी फायदा मिलेगा। कंपनी के लिए ये हाई-वैल्यू और हाई-मार्जिन प्रोडक्ट्स हैं।
यह टू-व्हीलर सेगमेंट की सबसे बड़ी कंपनी है। रूरल मार्केट में इसकी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है। सरकार ग्रामीण इलाकों में डिमांड बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसका फायदा हीरो मोटोकॉर्प को मिलेगा। सेमीकंडक्टर चिप की सप्लाई बढ़ी है। कच्चे माल की कीमतों में भी कमी आई है। इससे कंपनी को अपना मार्जिन बढ़ाने में मदद मिलेगी।