देश के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) में कुछ समय पहले 23.4 करोड़ डॉलर की क्रिप्टो चोरी का मामला सामने आया था। अब क्रिप्टो एक्सचेंज ने जिस दिन इस फंड्स की रिकवरी से हाथ खड़े कर दिए, उसी दिन सामने आया कि चोरी हुए इस फंड का बड़ा हिस्सा एथर (ETH) में बदला जा चुका है यानी कि हैकर्स ने इसकी लॉन्ड्रिंग शुरू कर दी है। क्रिप्टो आउटलेट क्वॉइनडेस्क के मुताबिक हैकर्स ने सोमवार को करीब 63 लाख डॉलर के 2500 ऐथर टोकन टॉरनेडो कैश को ट्रांसफर किया। टॉरनेडो कैश (Tornado Cash) एक ऐसी सर्विस है जो क्रिप्टोएसेट्स के ओरिजिन को धुंधला कर देती है।
हैकिंग में उत्तर कोरिया का हाथ होने की आशंका?
ब्लॉकचेन इंटेलिजेंस फर्म अरखम इंटेलीजेंस के मुताबिक डिजिटल एसेट्स की रिकवरी काफी कठिन है। इस हैकिंग के चलते 40 लाख से अधिक यूजर्स प्रभावित हुए हैं। यह साइबर हमला किसने किया और कैसे हुआ, इसके बारे में अभी तक पता नहीं चल सका है लेकिन ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म एलिप्टिक का मानना है कि इसके तार उत्तर कोरिया से जुड़े है जो विदेशी इनकम के लिए साइबर हमले का रास्ता अपनाती है। वजीरएक्स के फाउंडर निश्चल शेट्टी का कहना है कि इंडस्ट्री के कुछ रिसर्चर्स के मुताबिक हैकिंग का यह तरीका पूरी तरह उत्तर कोरियाई है।
वजीरएक्स की पैरेंट कंपनी जेटाई ने स्वीकार किया है कि साइबर हमले से प्रभावित ग्राहक अपना पूरा पैसा वापस नहीं पा सकेंगे। वह अपने फंड का अधिकतम 55-57 फीसदी तक ही निकाल पाएंगे। यूजर्स इतने फंड निकाल सकें, इसके लिए क्रिप्टो एक्सचेंज व्हाइट नाइट से बातचीत कर रहा है ताकि फंड का जुगाड़ हो सके। इसके अलावा कंपनी ने वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में कहा कि क्रिप्टो बैलेंस का रीस्ट्रक्चरिंग किया जा रहा है जिसमें कम से कम 6 महीने लगेंगे। रीस्ट्रक्चरिंग के लिए कंपनी ने सिंगापुर की एक अदालत में आवेदन किया था।