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हेल्थ सेक्टर में Dozee का इनोवेशन, जानिए कंपनी ने कैसा बदला पेशेंट मॉनिटरिंग का तरीका

कंपनी B2B पर फोकस बनाते हुए रेंटल सब्सक्रिप्शन मॉडल पर बिजनेस कर रहे है, हर महीने 5000 के किराए से हॉस्पिटल dozee को रेंट कर सकते है। हर बेड dozee बेड बनाने के मिशन पर निकले मुदित और गौरव की टिम का फोकस फिलहाल भारतीय बाजार पर है। कंपनी निवेश का ज्यादातर हिस्सा आमतौर पर R&D और प्रोडक्ट डेवलपमेंट पर खर्च होता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 11, 2023 पर 9:19 AM
हेल्थ सेक्टर में  Dozee का इनोवेशन, जानिए कंपनी ने कैसा बदला पेशेंट मॉनिटरिंग का तरीका
DOZEE ने अबतक 160 करोड़ फंड जुटाया है और आगे भी dozee को फंड्स की जरुरत लग सकती है।

अस्पताल के एक साधारण बेड को ICU बेड में तब्दील करने की ताकद है DOZEE नाम के इस मेडिकल डिवाइस में । ये AI-आधारित मॉड्यूल 'एडवांस्ड हेल्थ इंटेलिजेंस', है। इसकी मदद से हार्ट हेल्थ , रिसपेरिएशन, स्लीप क्वालिटी और स्ट्रेस लेवल जैसे वाइटल्स काउंट किए जाते है वो भी कॉन्टैक्टलेस तरीके से। आईसीयू रूम के मुकाबले सिर्फ 1/5 खर्च में DOZEE सिर्फ बेड के नीचे बिझाकर अपना काम करता है। पेशेंट मॉनिटरिंग और अर्ली वार्मिंग सिस्टम का ये तरीका पूरी तरह से ऑटोमेटेड है । इस यूनिक डिवाइस को IIT के मैकेनिकल इंजीनियरिंग मुदित दंडवते और गौरव पर्चानी ने मिलकर बनाया है।

आमतौर पर अस्पताल के जनरल वॉर्ड के मरीजों के वाइटल्स नर्स 4-6 घंटे में मैन्यूएली चेक करते है, उसे पेपर पर उतारा जाता है और कही कही उसे डिजिटाइज किया जाता है, सिर्फ इस काम के लिए 1 नर्स को दिन के 2.5 से 3 घंटे का समय लगता है जो DOZEE के ऑटोमेशन से बचता है औ इससे कई ज्यादा अहम है समय समय के वाइटल्स चेक के चलते मरिज को सही समय पर मेडिकल हेल्प मिलती है। DOZEE को कम समय में मेडिकल कम्युनिटी से accpetance मिलने की वजह रही ease of use।

मेडिकल डिवाइसेस इंडस्ट्री में सक्सेस पाने का सबसे अहम फैक्टर है प्रोडक्ट की एक्यूरेसी जिसे हासिल करने में कंपनी ने काफी निवेश और मेहनत लगाई है।

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