एलॉन मस्क (Elon Musk) की इलेक्ट्रिक वेईकल्स (EVs) बनाने वाली दिग्गज कंपनी टेस्ला (Tesla) भारत में निवेश करना चाहती है। इसे लेकर उन्होंने मंगलवार को कहा कि जितना जल्द से जल्द हो सके, वह यह निवेश करना चाहते हैं। उन्होंने ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्यूयॉर्क में मुलाकात के बाद कही। पीएम मोदी इस समय अमेरिकी दौरे पर हैं। इससे पहले सूत्रों ने न्यूज एजेंसी रायटर्स को जानकारी दी थी कि मस्क मोदी को भारत में मैनुफैक्चरिंग बेस सेटअप करने की अपनी योजना के बारे में बताएंगे। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद मस्क ने भारत में टेस्ला की निवेश योजना के बारे में बताया और कहा कि अगले साल उनकी योजना भारत दौरे की है।
खुद को बताया PM Modi का फैन
मस्क ने कहा कि वह पीएम मोदी के सहयोग को लेकर धन्यवाद देना चाहते हैं और उम्मीद जताई कि बहुत जल्द ही कुछ ऐलान किया जाएगा। मस्क ने कहा कि वह पीएम मोदी के फैन हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के एक वीडियो ट्वीट में मस्क कह रहे हैं कि पीएम मोदी ने कुछ साल पहले कैलिफोर्निया में टेस्ला की एक फैक्ट्री का दौरा किया था।
भारत में निवेश को लेकर Elon Musk क्यों हैं इच्छुक
एलॉन मस्क का कहना है कि दुनिया के सभी बड़े देशों में सबसे अधिक भरोसेमेंद भारत है। पीएम मोदी को लेकर मस्क ने कहा कि वह वाकई में भारत की बहुत फिक्र करते हैं क्योंकि वह भारत में बड़े निवेश को लेकर प्रोत्साहित कर रहे हैं। मस्क की कंपनी टेस्ला भी ऐसा करने की तैयारी में है और इसके लिए सिर्फ सही समय की तलाश हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि सोलर पावर, स्टेशनरी बैटरी पैक्स और इलेक्ट्रिक वेईकल्स को लेकर भारत में अपार संभावनाएं हैं।
टेस्ला के अलावा और क्या है मस्क की योजना भारत के लिए
एलॉन मस्क सिर्फ टेस्ला के निवेश को लेकर ही योजना बना रहे हैं। वह अपनी एक और कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) को भारत में लाने को लेकर भी योजना बना रहे हैं। स्पेसएक्स के सीईओ मस्क ने भारत में स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के एंट्री की भी उम्मीद जताई है।
कहां तक बढ़ चुकी है टेस्ला की गाड़ी
पिछले महीने टेस्ला के एग्जेक्यूटिव्स भारत आए थे। उन्होंने यहां भारतीय नौकरशाहों और मंत्रियों से कार और बैटरी का मैनुफैक्चरिंग बेस बनाने के लिए बातचीत की थी। मस्क ने कहा था कि इस साल के आखिरी तक नई फैक्ट्री के लिए जगह की तलाश पूरी हो जाएगी और नए प्लांट के लिए भारत सबसे बेहतर जगह है। अमेरिका और चीन के बीच जारी तनाव के चलते अमेरिकी कंपनियां चीन पर निर्भरता कम करने की कोशिश में हैं और इसी कड़ी में टेस्ला भी चीन के बाहर विकल्प देख रही है। पिछले साल टेस्ला ने भारत में एंट्री की योजना को हाई इंपोर्ट टैक्स के चलते टाल दिया था।