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Exclusive : अशनीर ग्रोवर का बड़ा आरोप, कहा-बोर्ड मुझे जबर्दस्ती BharatPe से बाहर कर रहा है

कोटक सिक्योरिटीज के इंप्लॉई के साथ ऑडियो क्लिप सार्वजनिक होने के बाद से ग्रोवर की मुश्किलें शुरू हो गईं। मामला बढ़ने पर ग्रोवर को तीन महीने की छुट्टी पर भेज दिया गया। लेकिन, यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है

अपडेटेड Feb 04, 2022 पर 11:38 AM
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अशनीर ग्रोवर का कहना है कि उनकी कंपनी के इन्वेस्टर्स उनके खिलाफ हो गए हैं और वे उन्हें कंपनी से बाहर कर देना चाहते हैं। हालांकि, ग्रोवर भी झुकने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने इन्वेस्टर्स से कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तीन बड़ी लॉ फर्मों को हायर किया है।

क्या आपने शार्क टैंक इंडिया के एपिसोड्स देखे हैं? दरअसल हम बात कर रहे हैं भारतपे (BharatPe) के को-फाउंडर और एमडी अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) की। शार्क टैंक देखने वाले लोग ग्रोवर से अच्छी तरह से परिचित होंगे। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों से जिस तरह से वह चर्चा में हैं, उससे शायद ही ऐसा कोई होगा, जिसने उनका नाम नहीं सुना हो। ग्रोवर अपने गर्म मिजाज से अपनी अलग पहचान बना चुके है। दिलचस्प है कि उन्हें उनकी ही कंपनी अपने बोर्ड से बाहर निकालने की कोशिश कर रही है। ग्रोवर ने यह आरोप लगाया है।

दरअसल, कोटक सिक्योरिटीज के इंप्लॉई के साथ ऑडियो क्लिप के सार्वजनिक होने के बाद से ग्रोवर की मुश्किलें शुरू हो गईं। मामला बढ़ने पर ग्रोवर को तीन महीने की छुट्टी पर भेज दिया गया। लेकिन, यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब ग्रोवर का कहना है कि उनकी कंपनी के इन्वेस्टर्स उनके खिलाफ हो गए हैं और वे उन्हें कंपनी से बाहर कर देना चाहते हैं। हालांकि, ग्रोवर भी झुकने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने इन्वेस्टर्स से कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तीन बड़ी लॉ फर्मों को हायर किया है। उनकी डिमांड है कि उन्हें फिर से कंपनी में वापस लाया जाए। अगर यह मुमिकन नहीं है तो उन्हें 4000 करोड़ रुपये दिया जाए। तभी वह कंपनी से बाहर जाएंगे। दरअसल, यह कंपनी में उनकी हिस्सेदारी का मूल्य है। कंपनी में उनकी करीब 9 फीसदी हिस्सेदारी है।

मनीकंट्रोल ने इस पूरे मामले पर ग्रोवर की राय जानने के लिए उनसे लंबी बातचीत की। हमने उनसे मामले से जुड़े हर पहलू के बारे में सवाल पूछे। हमने यह भी पूछा कि अगर उन्हें कंपनी में वापस नहीं लाया जाता है तो उनकी आगे की योजना क्या होगी? यहां पेश है बातचीत का प्रमुख अंश:


अशनीर, ऑडियो क्लिप आने के बाद से विवाद शुरू हुआ, आप इस बारे में क्या कहना चाहेंगे?

यह मैं नहीं हूं, यह मेरी आवाज नहीं है। मैं कभी इस तरह की बातचीत का हिस्सा नहीं रहा। मार्केट में ऐसे कई लोग हैं, जो मुझसे जलते हैं। उन्हें लगता है कि कोई व्यक्ति कैसे इतना सफल हो सकता है और इतने कम समय में इतना बड़ा बिजनेस खड़ा कर सकता है। हकीकत यह है कि मैं पिछले 10-12 साल से कोशिश कर रहा हूं। इसी ईर्ष्या की वजह से यह पूरा विवाद खड़ा हुआ है।

दरअसल, कोटक का मसला कोई इश्यू था ही नहीं। अगर आपको सर्विस प्रोवाइडर से शिकायत है तो आप शिकायत करते हैं। फिर, मामले का समाधान हो जाता है, या नहीं हो पाता है। बात खत्म हो जाती है। फिर, कोई थर्ड पार्टी आती है और कहती है कि आपके और दो लोगों की बीच यह मामला क्या था। फिर आपको पब्लिक में हर आदमी को इसका जवाब देना पड़ता है। यह ऑडियो क्लिप फेक है।

आप कह रहे हैं यह साजिश है, कोई क्यों आपके खिलाफ साजिश करेगा?

भारतपे वह कंपनी है, जिसने मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को जीरो पर ला दिया। इससे पहले सभी पेमेंट कंपनियां एमडीआर से पैसे कमा रही थीं। दूसरा, हमने यह समझ लिया कि लोन देना एक बड़ा बिजनेस है। फिर हमने काफी पहले इसमें अपनी मजबूत स्थिति बनानी शुरू कर दी। कई दूसरे बिजनेसेज हैं, जो सिर्फ पेमेंट्स से कर्ज के बिजनेसेज तक पहुंचने में नाकाम रहे हैं। फिर हमने 'बाय नाउ पे लेटर' (BNPL) शुरू किया। इसके बाद P2P लेंडिंग और बॉरोइंग शुरू किया। दूसरे प्लेयर्स ऐसा नहीं कर सके। सबसे खास बात यह कि हमें बैंक लाइसेंस मिला, जिससे सभी ईष्या करने लगे।

यह बात भी अहम है कि हमें बैंक लाइसेंस भारतपे के नाम से मिला, अशनीर ग्रोवर के नाम से नहीं। इसलिए मैंने जो हासिल किया है, उसका फायदा सिर्फ मुझे ही नहीं मिला है। इस कंपनी के पास यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी है, यह अशनीर ग्रोवर की नहीं है। विजय शेखर शर्मा की पेटीएम पेमेंट बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी है, क्या किसी ने उनसे कनफ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट के बारे में पूछा है।

ऐसे आरोप हैं कि आपके परिवार के सदस्यों ने पैसे की हेराफेरी की, क्या यह सच है?

यह फेक न्यूज है। यह 3.5 साल पुरानी कंपनी है। चार सबसे बड़ी ऑडिट कंपनियों में से एक-डेलॉयट ने इसका ऑडिट किया है। वित्त वर्ष 2021 तक के फाइनेंशियल का ऑडिट हो चुका है। कंपनी के बोर्ड में 10 इन्वेस्टर्स में से चार के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसमें इंडेपेंडेंट डायरेक्टर्स हैं। उनके नाम रजनीश कुमार और केवल हांडा है। इसमें से एक एसबीआई का पूर्व चेयरमैन है तो दूसरा यूनियन बैंक का पूर्व चेयरमैन। इसलिए अगर आप कह रहे हैं कि कुछ गड़बड़ है तो आप मुझ पर उंगली नहीं उठा रहे हैं। आप पूरे बोर्ड पर सवाल उठा रहे हैं। क्या हम डेलॉयट के ऑडिट पर सवाल उठा रहे हैं?

क्या आपको लगता है कि बोर्ड आपके साथ जबर्दस्ती कर रहा है?

बिल्कुल। टेंपररी लीव ऑफ अबसेंस पर भेजने का मतलब क्या है? इसकी परिभाषा कहां दी गई है? हमारे शेयरहोल्डर एग्रीमेंट में तो यह नहीं है। यह इम्पलॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट में नहीं है। फिर यह कहां से आया?

सिकोइया के साथ आपके संबंध कैसे हैं? सिकोइया ने हमेशा स्टार्टअप्स में भरोसा जताया है। क्या आपको लगता है कि वह भी आपके खिलाफ है?

सभी इन्वेस्टर्स के साथ मैंन सिर्फ यह समझा है कि आपका सिर्फ एक रिश्ता है। यह रिश्ता पैसे का है। सभी इन्वेस्टर्स का मकसद पैसे कमाना है। भारत में दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि यहां फाउंडर्स को हल्के में लिया जाता है।

जो कुछ मेरे साथ हो रहा है, ठीक वही फ्लिपकार्ट में बिन्नी बंसल के साथ हुआ। जब बिन्नी ने अपनी बात रखनी चाही तो यह झूठी कहानी बनाई गई कि किसी के साथ उनका अफेयर्स है। कहां गई वह चीज? क्या हुआ? क्या आज कोई उसके बारे में बात करता है?

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