दिग्ग्ज भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने मार्जिन में कमी के कारण मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अपने कर्मचारियों को दिए जाने वेरिएबल भुगतान (Variable Pay) को घटा दिया है। कंपनी ने कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में बताया कि संस्थान के स्तर पर औसत वेरिएबल भुगतान इस तिमाही में 70 फीसदी रहेगा। मनीकंट्रोल ने इस ईमेल की एक कॉपी देखी है।
विप्रो (Wipro) और टाटा कंसल्टेंसीज सर्विसेज (TCS) जैसी इसकी प्रतिद्वंदी आईटी कंपनियां पहले ही मार्जिन में कमी के कारण जून तिमाही में वेरिएबल पे के भुगतान को टाल या कम कर चुकी है। कर्मचारियों की बढ़ती सैलरी और नए टैलेंट हायर करने के लिए अधिक प्रीमियम का भुगतान करने जैसे कारणों के कारण आईटी कंपनियों के मार्जिन पर दबाव बढ़ा है। साथ ही ये कंपनियां कर्मचारियों के नौकरी छोड़कर जाने की अधिक दर से जूझ रही हैं।
इंफोसिस ने कर्मचारियों को भेजे ईमेल में कहा है कि कंपनी हायरिंग और सैलरी पैकेज में संशोधन के जरिए कर्मचारियों में निवेश कर ग्रोथ को बढ़ा रही है। ईमेल में आगे कहा गया है, 'इन निवेशों ने शार्ट-टर्म में कंपनी के मार्जिन पर असर डाला है। हालांकि हम आने वाली तिमाहियों में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।' मनीकंट्रोल तुरंत पता नहीं लगा सका कि यह ईमेल कब भेजा गया था।
वेरिएबल पे का अगस्त की सैलरी के साथ किया जाएगा, जो कंपनी के पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार है। औसत भुगतान जरूर 70 फीसदी है, लेकिन किसी कर्मचारी को वास्तव में यह कितना मिलता है, यह उसके डिपार्टमेंट से जुड़ी गाइडलाइंस, उसके प्रदर्शन और पे ग्रेड पर निर्भर करेगा।
खबर लिखे जाने तक इंफोसिस का इस बारे में कोई बयान नहीं आया था। इससे पहले कंपनी ने जब जून तिमाही के नतीजों का ऐलान किया था, तब उसने कहा था कि उसने अपने अधिकतर कर्मचारियों को अप्रैल के प्रदर्शन के आधार पर सैलरी में अच्छा इंक्रीमेंट दिया है और सीनियर कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी 1 जुलाई से शुरू होगा।
इंफोसिस का ऑपरेटिंग मार्जिन जून तिमाही में घटकर 20.1 फीसदी पर आ गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 23.7 फीसदी था। वहीं मार्च तिमाही में यह 21.5 फीसदी था। 30 जून तक कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 3,35,186 थी।