देश के नए फाइनेंशियल हब गिफ्ट सिटी (GIFT City) ने विदेशों में निवेश के लिए अजीम प्रेमजी के फैमिली ऑफिस को पहली मंजूरी दे दी है। इससे देश के अमीरों की उम्मीदें बढ़ गई हैं क्योंकि वे इसी तरह के कदम उठाने के लिए नियामकों से स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रेमजी इनवेस्ट (Premji Invest) को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (GIFT City) में एक फैमिली इनवेस्टमेंट फंड सेटअप करने की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। जानकारी के मुताबिक अभी फैमिली इनवेस्टमेंट फंड (FIF) के दर्जनों आवेदन पेंडिंग पड़े हैं।
मंजूरी मिलने पर फैमिलीज विदेशों में कई एसेट क्लास और इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर सकेंगे। प्रेमजी इनवेस्ट और अरबपति नारायणमूर्ति के कैटमरन वेंचर्स (Catamaran Ventures) उन FIF में शुमार हैं जिन्हें सबसे पहले मंजूरी मिली। गिफ्ट सिटी को संभालने वाले इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी (IFSCA) ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है जबकि प्रेमजी इनवेस्ट ने कुछ कहने से इनकार कर दिया।
चीन की तरह भारत में भी हैं विदेशों में निवेश के कड़े नियम
भारत में चीन की ही तरह विदेशों में निवेश के कड़े नियम हैं। भारत में रहने वाले लोगों को हर साल विदेशों में 2.50 लाख डॉलर (2.08 करोड़ रुपये) तक निवेश करने की मंजूरी है। इसका मतलब हुआ कि यहां रहने वाले भारतीय विदेशों में शेयरों, प्रॉपर्टी और सिक्योरिटीज में एक साल में कुल मिलाकर अधिकतम 2.50 लाख डॉलर तक का निवेश कर सकते हैं। इसमें विदेशों में ज्वाइंट वेंचर्स और सब्सिडियरीज में निवेश भी शामिल है। गिफ्ट सिटी मोदी सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है और इसका लक्ष्य नियमों और करों से मुक्त एक वित्तीय केंद्र बनना है।
विदेशों में निवेश से जुड़ी क्या हैं चुनौतियां
जैसे-जैसे भारतीयों की संपत्ति बढ़ रही है, फैमिली ऑफिसों की ग्रोथ और उनके पोर्टफोलियो के डाइवर्सिफिकेशन की मांग को बढ़ावा मिला है। अगस्त 2022 में RBI ने कुछ नियम ढीले किए थे तो कई अमीरों ने विदेश में निवेश ऑफिस सेट अप करने पर काम करने लगे। इन नियमों के तहत गैर-वित्तीय संस्थाओं को विदेशों में स्थित नए ऑफिसों के जरिए अपने नेटवर्थ का 400% तक निवेश करने की अनुमति मिली। हालांकि कुछ महीने बाद रेगुलटेर ने बैंकर्स से कहा कि नियमों में जो ढील मिली है, उसका इरादा विदेशों में अमीरों के फैमिली ऑफिस खोलना नहीं है। रेगुलेटर RBI ने बैंकों को इन्हें सुविधाएं देने से रोक दिया और कहा कि इस मामले में जल्द ही बहुत पूछे जाने सवाले के जवाब यानी FAQ लेकर आएगा लेकिन अभी तक आया नहीं है।
गिफ्ट सिटी की बात करें तो इसे संभालने वाली IFSCA की वेबसाइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक इस प्रकार के फंडों के लिए इसके पास व्यापक फ्रेमवर्क है। IFSCA देश में अपनी संपत्ति का निवेश करने के इच्छुक प्रवासी भारतीयों और उभरते बाजारों में अवसरों की तलाश कर रहे विदेशियों के लिए भी एक पसंदीदा स्थान बनना चाहता है।