भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी कम महंगाई (Low Inflation Regime) के दौर में वापस जा सकती है और कड़े मॉनिटरी पॉलिसी अपनाने वाले दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों को इसे ध्यान में रखना चाहिए। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रघुराम राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंकों को खुद से पूछना चाहिए कि जब महंगाई निचले से उच्च स्तर पर पहुंची, क्या उस वक्त उनकी नीतियां इसे रोकने के लिए पर्याप्त रूप से चुस्त थीं। राजन ने शुक्रवार को बैंक ऑफ थाईलैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स की तरफ से आयोजित एक सम्मेलन में कहा, "हमें संभावित रूप से कम महंगाई वाले शासन में वापस जाने के लिए तैयार रहना चाहिए।"
बता दें कि रघुराम राजन इस वक्त, शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस के प्रोफेसर हैं।
आखिर क्यों समय से नहीं रोक पाए महंगाई?
'महंगाई को रोकने वाली नीतियों को पालन करना जरूरी'
रघुराम राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंकों के लिए आज उन नीतियों को आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है जो समय के साथ महंगाई की गतिशीलता में बदलाव लाती हैं। उन्होंने कहा कि डी-ग्लोबलाइजेशन, चीन में धीमी ग्रोथ और इमर्जिंग देशों में K-शेप में रिकवरी जैसी मुश्किल परिस्थितियों से ग्रोथ को नुकसान हो सकता है।
राजन ने कहा कहा, अस्थिर समय के बीच इमर्जिंग देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों को बढ़ाने की जरूरत का अनुमान लगाने में शानदार काम किया है और इससे "उन्हें अच्छा फायदा भी मिला है।"