52nd GST Council Meet : न्यूट्रल अल्कोहल जीएसटी के दायरे से बाहर, काउंसिल ने लिए ये अहम फैसले

GST काउंसिल (GST Council) ने मोटे अनाज (millets) के आटे पर GST की दर को मौजूदा 18% से घटाकर 5% करने का फैसला किया है। लेकिन यह दर प्रीपैकेज्ड और लेबल्ड फॉर्म में बिकने वाले मिलेट्स आटे के लिए लागू होगी। अगर आटा खुले में बिक रहा है तो GST 0% रहेगा

अपडेटेड Oct 07, 2023 पर 7:53 PM
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GST काउंसिल की 52वीं बैठक में आज 7 अक्टूबर को कई अहम फैसले लिए हैं।

52nd GST Council Meet :  GST काउंसिल की 52वीं बैठक में आज 7 अक्टूबर को कई अहम फैसले लिए हैं। जीएसटी काउंसिल ने ह्यूमन कंजम्पशन के लिए अल्कोहलिक शराब के एक प्रमुख रॉ मटेरियल एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ENA) को GST से छूट देने का फैसला लिया है। राज्यों को इस पर टैक्स लगाने का अधिकार दिया गया है। वहीं, शीरा पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का निर्णय लिया गया है। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया को यह जानकारी दी।

कानून समिति ह्यूमन कंजम्पशन के लिए अल्कोहलिक शराब के निर्माण में इस्तेमाल के लिए ENA को जीएसटी के दायरे से बाहर करने के लिए कानून में जरूरी संशोधन की जांच करेगी। बता दें कि इंडस्ट्रियल इस्तेमाल के लिए निर्मित ENA जीएसटी के दायरे में बना रहेगा और इस पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा।

वित्त मंत्रालय का बयान


वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इंडस्ट्रियल यूज के लिए संशोधित स्पिरिट को कवर करने के लिए कस्टम टैरिफ एक्ट में 8 अंकों के स्तर पर एक अलग टैरिफ एचएस कोड बनाया गया है। सीतारमण ने कहा कि कानून के अनुसार जीएसटी काउंसिल को ENA पर टैक्स लगाने का अधिकार है, जैसा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले में कहा गया था। काउंसिल ने आज ईएनए पर कर लगाने का अधिकार राज्यों को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य इस पर कर लगाना चाहते हैं तो उनका स्वागत है, अगर वे इसे वैसे ही छोड़ना चाहते हैं, तो वे कर सकते हैं। राज्यों के हित में केंद्र ने यह अधिकार राज्यों को सौंप दिया है।"

लिए गए ये अहम फैसल

GST काउंसिल (GST Council) ने मोटे अनाज (millets) के आटे पर GST की दर को मौजूदा 18% से घटाकर 5% करने का फैसला किया है। लेकिन यह दर प्रीपैकेज्ड और लेबल्ड फॉर्म में बिकने वाले मिलेट्स आटे के लिए लागू होगी। अगर आटा खुले में बिक रहा है तो GST 0% रहेगा। परिषद द्वारा यह भी सिफारिश की गई कि गन्ना किसानों को बकाया राशि के तेजी से भुगतान में राहत देने और पशु चारा निर्माण की लागत को कम करने के लिए गुड़ पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया जाए।

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