Current Account Deficit: भारत का चालू खाता घाटा या करेंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) सितबंर तिमाही में अपने अबतक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से गुरुवार 29 दिसंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई-सितंबर में भारत का चालू खाता घाटा (CAD) बढ़कर 36.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो अब तक का इसका सबसे ऊंचा स्तर है। यह इसके पिछली तिमाही (अप्रैल-जून 2022) में रहे 18.2 अरब डॉलर के चालू खाता घाटा का करीब दोगुना है। चालू खाता घाटे का पिछला रिकॉर्ड 31.77 अरब डॉलर का था, जो वित्त वर्ष 2013 की तीसरी तिमाही में देखा गया था। वहीं पूरे वित्त वर्ष 2022 में देश का चालू खाता घाटा 38.77 रहा था।
RBI ने एक बयान में कहा, "जुलाई-सितंबर तिमाही में चालू खाता घाटा बढ़ने का एक प्रमुख कारण व्यापार घाटा (Trade Deficit) का ऊंचा स्तर रहा। वस्तुओं का व्यापार घाटा मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 63 अरब डॉलर रहा था, जो दूसरी तिमाही में बढ़कर 83.5 अरब डॉलर हो गया।"
ICRA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा, "यह पहले से उम्मीद की थी कि भारत का चालू खाता घाटा जुलाई-सितंबर में अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच जाएगा। हालांकि घाटे का आकार 31 से 34 अरब डॉलर रहने का अनुमान लगाया था। लेकिन वास्तविक आंकड़े इससे भी अधिक हैं।"
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश का चालू खाता घाटा 54.5 अरब डॉलर रहा है। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में रहे 3.1 अरब डॉलर के चालू खाता घाटे के मुकाबले करीब 15% अधिक है।
ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) के प्रतिशत में बात करें तो, देश का चालू खाते का घाटा सितंबर तिमाही में बढ़कर GDP का 4.4 प्रतिशत हो गया। यह आंकड़ा इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही में 2.2 प्रतिशत था। एक साल पहले 2021-22 की दूसरी तिमाही में यह जीडीपी का 1.3 प्रतिशत (9.7 अरब डॉलर) था। पहली छमाही में चालू खाते का घाटा GDP का 3.3 फीसदी रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष की अवधि में 0.2 फीसदी था।