वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही (Q2) में भारतीय कंपनियों (India Inc) के रेवेन्यु में 8 से 10 प्रतिशत का उछाल दिखेगा। साथ ही प्रॉफिट मार्जिन भी बेहतर होने का अनुमान है। यह बात रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) की ओर से कही गई है। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर तिमाही में बीती चार तिमाहियों में पहली बार रेवेन्यु में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस तेजी में वाहन, कंस्ट्रक्शन एवं इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) सेवा क्षेत्रों की कंपनियों की अहम भूमिका रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2023) में भारतीय कंपनियों की रेवेन्यु ग्रोथ सालाना आधार पर 7 प्रतिशत रही थी।
क्रिसिल ने कहा है कि उसका यह आकलन बैंक एवं तेल क्षेत्रों से इतर की 300 कंपनियों के विश्लेषण पर बेस्ड है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के निदेशक (रिसर्च) अनिकेत दानी का कहना है कि रेवेन्यु में वृद्धि काफी हद तक उपभोक्ताओं की चाहत से जुड़े प्रोडक्ट और सर्विसेज पर बेस्ड रही है। इसमें वाहन एवं खुदरा क्षेत्र सबसे आगे रहे और कंस्ट्रक्शन से जुड़े क्षेत्रों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया।
70% हिस्सेदारी रखने वाले 9 क्षेत्रों में ग्रोथ
हालांकि रिपोर्ट कहती है कि कृषि से जुड़े क्षेत्रों जैसे- फर्टिलाइजर, इंडस्ट्रियल कमोडिटीज जैसे क्लोर-अल्कलीज, पेट्रोकेमिकल्स और कमोडिटी केमिकल्स, एल्यूमीनियम जैसे क्षेत्रों में गिरावट नहीं रहने पर स्थिति और भी बेहतर रहती। क्रिसिल के मुताबिक, कंपनियों के कुल रेवेन्यु में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले 9 क्षेत्र Q2 में रेवेन्यु ग्रोथ दर्ज करेंगे।
मुनाफे की बात करें तो क्रिसिल को उम्मीद है कि भारतीय कंपनियों का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन भी सितंबर तिमाही में बढ़कर 20 प्रतिशत रहेगा। जुलाई-सितंबर 2022 में यह 17.2 प्रतिशत पर था। हालांकि अप्रैल-जून 2023 तिमाही के 20.5 प्रतिशत की तुलना में प्रॉफिट मार्जिन में मामूली गिरावट आ सकती है।