Infosys Salary Hike: भारत की दूसरी सबसे बड़ी IT कंपनी इंफोसिस ने कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि को चालू वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही यानि जनवरी-मार्च तक के लिए टाल दिया है। कंपनी ने पिछली बार नवंबर 2023 में वेतन वृद्धि लागू की थी। आमतौर पर वेतन वृद्धि वर्ष की शुरुआत में लागू की जाती है। इसमें देरी ग्लोबल डिमांड के माहौल में बड़े पैमाने पर अनिश्चितता को दर्शाती है, खासकर डिस्क्रेशनरी IT सर्विसेज के लिए।
IT कंपनियों को कमजोर डिस्क्रेशनरी खर्च, डिलेड क्लाइंट बजट और चल रही मैक्रोइकोनॉमिक अनिश्चितताओं से दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इंफोसिस की प्रतिद्वंद्वी कंपनियां HCLTech, LTIMindtree और L&T Tech Services ने भी कॉस्ट को मैनेज करने और प्रॉफिटेबिलिटी बनाए रखने के लिए दूसरी तिमाही में वेतन वृद्धि को स्किप कर दिया।
इंफोसिस ने 17 अक्टूबर को कहा था कि वह चरणबद्ध तरीके से चौथी तिमाही में वेतन वृद्धि की प्लानिंग कर रही है। मुख्य वित्तीय अधिकारी जयेश संघराजका ने Q2 नतीजों के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “इसका कुछ हिस्सा जनवरी में प्रभावी होगा और बाकी अप्रैल में प्रभावी होगा।”
सितंबर तिमाही में इंफोसिस का मुनाफा 6506 करोड़ रुपये
जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही में इंफोसिस का शुद्ध मुनाफा तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 2.2 प्रतिशत बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया। यह एनालिस्ट्स की उम्मीदों से कम है। मार्जिन में 10 बेसिस पॉइंट्स का सुधार हुआ, जो कि मुख्य रूप से कम ऑनसाइट लागत, बेहतर यूटिलाइजेशन रेट्स और बेहतर ऑपरेशनल एफिशिएंसी के चलते है।
दिसंबर तिमाही में मार्जिन में आएगी कमी
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने प्री-अर्निंग नोट में कहा कि वेतन वृद्धि न होने के बावजूद दिसंबर तिमाही में इंफोसिस के मार्जिन में कमी आएगी। ऐसा छुट्टियों की वजह से कम वर्किंग डेज के कारण होगा। हालांकि प्राइसिंग गेन, सबकॉन्ट्रैक्टर कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन और प्रोजेक्ट मैक्सिमस से इसकी भरपाई की जाएगी। प्रोजेक्ट मैक्सिमस, इंफोसिस की मार्जिन सुधार योजना है, जिसका उद्देश्य कॉस्ट को कॉस्ट ऑप्टिमाइज करना है।