आईटी सेक्टर में देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने अपने एंप्लॉयीज को चेतावनी दी है। कंपनी ने 12 सितंबर को एक मेल भेजकर कहा है कि अगर वे मूनलाइटिंग (Moonlighting) करते हैं तो उन्हें कंपनी से बाहर निकाला जा सकता है। मेल में विप्रो के चेयरमैन रिषद प्रेमजी का उल्लेख किया गया है जिन्होंने इसे चीटिंग (धोखेबाजी) कहा था। एचआर ने जो मेल कर्मियों को भेजा है, उसमें लिखा है, 'याद रखिए- टू टाइमिंग नहीं-मूनलाइटिंग नहीं।'
मूनलाइटिंग का मतलब है कि एक से अधिक जगह नौकरी करना। ई-मेल में कहा गया है कि दोहरी नौकरी पर पूरी सख्ती से रोक है। इसमें मूनलाइटिंग को परिभाषित किया है। इसके मुताबिक कामकाजी घंटों के दौरान या इसके बाद किसी और जगह काम करना मूनलाइटिंग है।
जुलाई में कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने 400 आईटी/आईटी इनेबल्ड सर्विसेज पर सर्वे किया था जिसके मुताबिक करीब 65 फीसदी वर्क फ्रॉम होम के दौरान या तो कहीं पार्ट टाइम काम किया या उन्हें अपने किसी ऐसे साथी के बारे में जानकारी थी जो ऐसा कर रहे हैं।
पार्ट टाइम नौकरी को भी मंजूरी नहीं
इंफोसिस के एंप्लॉयी हैंडबुक और कोड ऑफ कंडक्ट के तहत दो जगह नौकरी को मंजूरी नहीं दी गई है। ऑफर लेटर के मुताबिक बिना कंपनी की सहमति के कोई भी कर्मी कहीं और फुल टाइम ही नहीं, बल्कि पार्ट टाइम भी नौकरी नहीं कर सकता है। ऐसा करने में उन्हें इंफोसिस से निकाला जा सकता है।
इंफोसिस के पूर्व निदेशक और आरिन कैपिटल के को-फाउंडर टीवी मोहनदास पई ने मनीकंट्रोल से कहा था कि कंपनी के कर्मी एंप्लॉयीमेंट एग्रीमेंट और उसकी शर्तों से बंधे होते हैं लेकिन वे बाहर कुछ भी कर सकते हैं, अगर कंपनी की आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी), एसेट्स या कंपनी से जुड़ी किसी भी चीज का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
क्यों कंपनी ने अपना सख्त रूख
कर्मियों को भेजे गए मेल के मुताबिक रिमोट वर्क के चलते मूनलाइटिंग करना आसान हो गया, खासतौर से आईटी कर्मियों के लिए। वे बिना अपनी कंपनी की नजर में आए दूसरी जगह भी आसानी से जुड़ सकते हैं। इंफोसिस के मुताबिक मूनलाइटिंग के चलते कारोबार को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इससे प्रोडक्टिविटी, जॉब परफॉरमेंस, डेटा को रिक्स और कांफिडेंशियल इंफॉर्मेशन लीकेज जैसी दिक्कतें आ सकती है।