Infosys और Wipro समेत इन आईटी कंपनियों का कम हो सकता है रेवेन्यू, ब्रोकरेज ने इस कारण लगाया अनुमान

IT Sector Outlook: वित्तीय मोर्चे पर आईटी सेक्टर के लिए यह तिमाही खास नहीं रहेगी। ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक इंफोसिस (Infoys) और विप्रो (Wipro) समेत कुछ आईटी कंपनियों का रेवेन्यू अक्टूबर-दिसंबर 2023 में सालाना और तिमाही आधार पर नीचे आएगा। जानिए इसकी वजह क्या है और रेवेन्यू में कितनी गिरावट आ सकती है? जानिए अगले साल कैसी स्थिति रह सकती है?

अपडेटेड Dec 29, 2023 पर 7:23 PM
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ब्रोकरेज को डिस्क्रेशनरी स्पेंडिंग में अगले साल 2024 में रिकवरी की उम्मीद दिख रही है। हालांकि एनालिस्ट्स का यह भी मानना है कि सभी सेक्टर्स की कंपनियां अभी भी लागत में कटौती पर ध्यान लगा रही हैं।

IT Sector Outlook: वित्तीय मोर्चे पर आईटी सेक्टर के लिए यह तिमाही खास नहीं रहेगी। ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक इंफोसिस (Infoys), विप्रो (Wipro), टेकएम (TechM) और एमफेसिस (MPhasis) का रेवेन्यू अक्टूबर-दिसंबर 2023 में सालाना और तिमाही आधार पर नीचे आएगा। ब्रोकरेज ने आईटी सेक्टर पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट में लिखा है कि छुट्टियों, कमजोर डिस्क्रेशनरी स्पेंडिंग और प्रोजेक्ट में कटौती से परफॉरमेंस पर असर दिख सकता है। अधिकतर आईटी कंपनियों में डील टोटल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू (TCV) कमजोर रह सकती है। हालांकि ब्रोकरेज का मानना है कि बड़ी कंपनियों की तुलना में मिड-टियर की स्थिति थोड़ी बेहतर होनी चाहिए।

कितना गिर सकता है रेवेन्यू

ब्रोकरेज फर्म के एनालिस्ट्स का अनुमान है कि इंफोसिस का रेवेन्यू इस तिमाही तिमाही आधार पर 2.2 फीसदी और सालाना आधार पर 1.9 फीसदी, विप्रो का रेवेन्यू तिमाही आधार पर 2.7 फीसदी और सालाना आधार पर 6.9 फीसदी, टेक एम का रेवेन्यू सालाना आधार पर 8.8 फीसदी और तिमाही आधार पर 1 फीसदी और एमफेसिस का रेवेन्यू तिमाही आधार पर 0.5 फीसदी और सालाना आधार पर 9.4 फीसदी गिर सकता है।


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कैसा रहेगा अगला साल

ब्रोकरेज को डिस्क्रेशनरी स्पेंडिंग में अगले साल 2024 में रिकवरी की उम्मीद दिख रही है। हालांकि एनालिस्ट्स का यह भी मानना है कि सभी सेक्टर्स की कंपनियां अभी भी लागत में कटौती पर ध्यान लगा रही हैं। कई ने तो खर्च बचाने की रुपरेखा भी तैयार कर ली है। हालांकि कहां-कहां पैसे लगाने हैं, इसकी प्रॉयोरिटी का काम अभी तक पूरा हुआ नहीं है। ऐसे में अगले साल की पहली छमाही जनवरी-जून में डिस्क्रेशनरी स्पेंडिंग में अच्छी रिकवरी को लेकर कोई मजबूत संकेत नहीं दिख रहा है और आईटी कंपनियों का मैनेजमेंट भी अभी अगले साल को लेकर कुछ कह सकता है। हालांकि ब्रोकरेज का यह भी मानना है कि डिस्क्रेशनरी स्पेंडिंग में कटौती की गति घटी है और दिसंबर में लंबी छुट्टी का असर इस क्षेत्र के लिए सकारात्मक है। उनका मानना ​​है कि मार्च 2024 तिमाही से स्थिति में सुधार हो सकता है।

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फिर आईटी शेयरों में क्यों आई तेजी

शेयरों की बात करें तो आईटी शेयर इतना उछल चुके हैं कि उनमें से कई में अब अधिक तेजी की गुंजाइश भी नहीं है। आईटी शेयरों में यह उछाल रेट कट की उम्मीद पर हुई। ब्रोकरेज के मुताबिक दरों में कटौती से मैक्रो लेवल पर अनिश्चितता कम हुई है और भविष्य में खर्च बढ़ सकता है लेकिन नियर टर्म में अभी भी पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।

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First Published: Dec 29, 2023 7:23 PM

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