यस बैंक (Yes Bank) की एसेट रीकंस्ट्रक्शन इकाई जेसी फ्लावर्स एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी (JC Flowers ARC) और मीडिया मुगल सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) के बीच दो साल से चल रहा विवाद आखिरकार समाप्ति की तरफ है। यह मामला 6500 करोड़ रुपये के आउटस्टैंडिंग कर्ज से जुड़ा है। जेसी फ्लावर्स और सुभाष चंद्रा के बीच इसके कर्ज के निपटारे को लेकर सौदा हो गया है। समझौते के तहत जेसी फ्लावर्स 75 फीसदी कर्ज कम करने यानी हेयरकट के लिए तैयार हो गई है है। इसके बाद अब सुभाष चंद्रा को सिर्फ 1,500 करोड़ रुपये चुकाने हैं और इसके बाद डिश टीवी (Dish TV), जी लर्न (Zee Learn) और सेंट्रल दिल्ली में एक बंगला समेत तीन प्रॉपर्टीज पर अपना नियंत्रण फिर से मिल जाएगा।
क्या तय हुआ है समझौते के तहत
सीएनबीसी टीवी-18 को सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिली है, उसके हिसाब से जेसी फ्लावर्स ने 6500 करोड़ रुपये के कर्ज का 75 फीसदी हेयरकट कर दिया है। इसके अलावा सेटलमेंट की शर्तों के मुताबिक जो 15 फीसदी रकम यानी 1500 करोड़ रुपये चुकाना है, उसका 15 फीसदी हिस्सा 30 दिनों के भीतर चुकाना है। बाकी 85 फीसदी हिस्सा अगले 6 महीने में भरना है।
Yes Bank से JC Flowers ARC को कैसे मिला यह लोन
सुभाष चंद्रा पर यह देनदारी यस बैंक की था। हालांकि पिछले साल दिसंबर 2022 में बैंक ने 48 हजार करोड़ रुपये के नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) को 11183 करोड़ रुपये से कुछ अधिक रकम में जेसी फ्लावर्स को ट्रांसफर कर दिया था। इसमें सुभाष चंद्रा के कर्ज का भी हिस्सा शामिल था, जो एनपीए बन गया था। एस्सेल ग्रुप (Essel Group) की सब्सिडियरी जी लर्न (Zee Learn) ने जेसी फ्लावर्स के साथ कर्ज के मामले के निपटारे की बात कही था और इसने अपनी योजना के बारे में 8 अगस्त तो एक्सचेंज फाइलिंग में खुलासा किया था।
जेसी फ्लावर्स एआरसी डिश टीवी में अपनी 25 फीसदी हिस्सेदारी तब तक बनाए रखेगी जब तक कि एस्सेल समूह की कंपनियां जिस रकम को लेकर सहमत हुई हैं, उसका पूरा पेमेंट नहीं हो जाता है। यह हिस्सेदारी यस बैंक से कर्ज ट्रांसफर करते समय ही जेसी फ्लावर्स एआरसी को मिली थी।