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MFI सेक्टर में कब तक ठीक होंगे हालात? एक्सपर्ट्स से जानिए तनाव की क्या है वजह

MFI सेक्टर में इस तनाव की वजह कोविड के बाद की रिकवरी में दिक्कतों, बढ़ती बेरोजगारी और ग्रामीण क्षेत्रों में री-पेमेंट में कठिनाइयां है। हालांकि हाल ही में स्टेकहोल्डर्स द्वारा उठाए गए कुछ कदमों से सुधार की संभावनाएं नजर आई हैं, फिर भी उद्योग के लिए सामान्य स्थिति में लौटने की राह अभी भी अनिश्चित बनी हुई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 12, 2025 पर 6:39 PM
MFI सेक्टर में कब तक ठीक होंगे हालात? एक्सपर्ट्स से जानिए तनाव की क्या है वजह
Indian microfinance sector: इंडियन माइक्रोफाइनेंस सेक्टर लगातार चुनौतियों का सामना कर रहा है।

MFI sector: इंडियन माइक्रोफाइनेंस सेक्टर (Indian microfinance sector) लगातार चुनौतियों का सामना कर रहा है। Sa-Dhan के डिप्टी डायरेक्टर चंदन ठाकुर का मानना है कि इस तनाव के अगले दो से तीन तिमाहियों तक बने रहने की संभावना है। ठाकुर ने कहा कि MFI सेक्टर में इस तनाव की वजह कोविड के बाद की रिकवरी में दिक्कतों, बढ़ती बेरोजगारी और ग्रामीण क्षेत्रों में री-पेमेंट में कठिनाइयां है। हालांकि हाल ही में स्टेकहोल्डर्स द्वारा उठाए गए कुछ कदमों से सुधार की संभावनाएं नजर आई हैं, फिर भी उद्योग के लिए सामान्य स्थिति में लौटने की राह अभी भी अनिश्चित बनी हुई है। यह दौर माइक्रोफाइनेंस सेक्टर के लिए एक मुश्किल समय है।

हाल ही में एक पैनल डिस्कशन में इन चुनौतियों और संभावित रिकवरी के उपायों पर चर्चा की गई। इसमें इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च में एसोसिएट डायरेक्टर ऐश्वर्या खंडेलवाल, Sa-Dhan से चंदन ठाकुर, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस में डॉक्टरेट रिसर्चर अनु जोगेश और CRIF में भारत और दक्षिण एशिया के रीजनल एमडी सचिन सेठ जैसे दिग्गज एक्सपर्ट्स शामिल थे।

लोन में चूक में बढ़ोतरी से बढ़ी मुश्किलें

अनु जोगेश ने माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क (MFIN) के हालिया डायरेक्टिव के प्रभाव के बारे में जमीनी स्तर की जानकारी साझा की, जिसमें बॉरोअर्स को तीन लोन तक सीमित रखने का निर्देश दिया गया है। वहीं, सचिन सेठ ने CRIF की लेटेस्ट रिपोर्ट के निष्कर्षों पर बात की।

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