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Safeguard Duty on Steel: स्टील पर 12% की सेफगार्ड ड्यूटी, बड़ी और छोटी कंपनियों आई आमने-सामने

Safeguard Duty on Steel: कॉमर्स मिनिस्ट्री ने स्टील के कुछ प्रोडक्ट्स पर 12 फीसदी की प्रोविजनल सेफगार्ड ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव रखा है। बड़ी स्टील कंपनियां तो इससे भी अधिक ड्यूटी लगाने के पक्ष में हैं तो छोटी कंपनियां इसे हटाने का आग्रह कर रही हैं। जानिए सरकार यह ड्यूटी क्यों लगा रही है और इसे लेकर छोटी और बड़ी कंपनियां क्यों आमने-सामने हैं?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Mar 22, 2025 पर 8:39 AM
Safeguard Duty on Steel: स्टील पर 12% की सेफगार्ड ड्यूटी, बड़ी और छोटी कंपनियों आई आमने-सामने
Safeguard Duty on Steel: माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) की योजना स्टील के कुछ प्रोडक्ट्स पर प्रोविजनल सेफगार्ड ड्यूटी नहीं लगाने का आग्रह करने की है। (File Photo- Pexels)

Safeguard Duty on Steel: माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) की योजना स्टील के कुछ प्रोडक्ट्स पर प्रोविजनल सेफगार्ड ड्यूटी नहीं लगाने का आग्रह करने की है। मनीकंट्रोल को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी के मुताबिक एमएसएमईज को डर है कि अगर यह ड्यूटी लगती है तो घरेलू मार्केट में कीमतें बढ़ सकती हैं। एक शख्स ने इसे लेकर कहा कि सरकार से आग्रह किया जाएगा कि सेफगार्ड ड्यूटी लगने पर कच्चे माल पर असर पड़ेगा और एमएसएमई एक्सपोर्टर्स पर असर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इसे लेकर सरकार को पहले भी लिखा गया है और अब फिर लिखा जाएगा।

सरकार ने क्यों रखा है 12% सेफगार्ड ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव?

कुछ महीनों की जांच के बाद कॉमर्स मिनिस्ट्री की जांच इकाई डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) ने 19 मार्च को स्टील के कुछ प्रोडक्ट्स पर 12 फीसदी की प्रोविजनल सेफगार्ड ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव के मुताबिक यह ड्यूटी 200 दिनों के लिए लगेगी। इस प्रस्ताव को आयात में उछाल से घरेलू कंपनियों को बचाने के लिए लाया गया है। यह प्रस्ताव वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही लागू हो पाएगा।

बड़ी और छोटी कंपनियां क्यों हैं विपरीत छोर पर?

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