केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उन आरोपों का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि LIC के पैसे को अदाणी ग्रुप (Adani group) को दिया जा रहा है। पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी कंपनी का पक्ष नहीं लेती है और उसके सभी फैसले पारदर्शी तरीके से लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) और सुप्रीम कोर्ट इस मामले को देख रहे हैं और उन्होंने सरकार को क्लीन चिट दे दी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "सरकार के खिलाफ कोई आरोप नहीं है।"
गोयल ने कहा, "उन्हें (राहुल गांधी को) झारखंड और राजस्थान में उनकी पार्टी की सरकारों के लिए फैसलों पर गौर करना चाहिए था। अगर हमारी सरकार ने कुछ भ्रष्टाचार किए होते, तो अदालतों ने हस्तक्षेप किया होता और कोलगेट मामले की तरह कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया होता।"
बता दें कि राहुल गांधी ने पूर्व में कई बार यह आरोप लगाया है कि पीएम मोदी भारतीय अरबपति उद्योगपति और अपने करीबी सहयोगी - गौतम अदाणी के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले में जांच का आदेश न देकर उनकी रक्षा कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इस मामले की ''असली सच्चाई'' सामने लाने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के जरिए इसका जांच कराना चाहती है। हालांकि केंद्र सरकार ने अभी तक JPC गठन के लिए उसकी मांग को नजरअंदाज किया है।
कांग्रेस महासचिव और इसके कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रभारी जयराम रमेश ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी की क्षमता पर भी संदेह जताया है। जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि "सुप्रीम कोर्ट की समिति सरकार से सवाल नहीं पूछेगी, क्योंकि इसका ध्यान मुख्य रूप से व्यापारिक समूह पर रहेगा।"
इस पूरे मामले की शुरुआत इस साल 24 जनवरी को हुई थी, जब अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर विदेशी टैक्स हैवन देशों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया था और इसके कर्ज के अधिक स्तर पर चिंता जताई गई थी। हालांकि अदाणी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को खंडन किया था।
ग्लोबल आर्थिक मंदी के भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि भारत की इकोनॉमी पूरी दुनिया के लिए एक चमकता सितारा है और ग्लोबल नेताओं को देश से बहुत उम्मीदें हैं। गोयल ने कहा कि यह इस बात से भी स्पष्ट है कि हाल ही में लगभग 12-13 विदेश मंत्रियों ने भारत का दौरा किया है।