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RBI ने Paytm को नहीं दिया पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस, अब दोबारा करना होगा आवेदन

केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) ने पेटीएम (Paytm) को तगड़ा झटका दिया है

अपडेटेड Nov 26, 2022 पर 1:50 PM
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पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज (PPSL) ने पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन किया था जिसे आरबीआई ने खारिज कर दिया है।

पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज (PPSL) ने पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। हालांकि केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) ने इसे मंजूर नहीं किया और फिर से आवेदन करने को कहा है। कंपनी ने आज 26 नवंबर को शेयर बाजारों को यह जानकारी दी है। पेमेंट एग्रीगेटर एक सर्विस प्रोवाइडर होता है जो सभी प्रकार के पेमेंट्स के विकल्प को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराता है। यह ग्राहकों से पैसे जुटाकर एक निश्चित समय बाद दुकानदारों को भेजती है। पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज ने ऑनलाइन मर्चेंट्स को पेमेंट एग्रीगेटर सर्विसेज उपलब्ध कराने के लिए लाइसेंस का आवेदन किया था।

अब तक सिर्फ दो आवेदन हुए हैं खारिज

आरबीआई ने इस प्रकार के अब तक सिर्फ दो ही आवेदन खारिज किए हैं। रेजरपे (RazorPay), पाइन लैब्स (Pine Labs) और सीसीएवेन्यूज (CCAvenues) को नियामकीय मंजूरी मिल चुकी है और बिलडेस्क (BillDesk) और पेयू (PayU) आरबीआई के फैसले का इंतजार कर रही है। पेटीएम के अलावा सिर्फ मोवीक्विक (Mobikwik) के ही आवेदन को आरबीआई ने खारिज किया था क्योंकि यह नेटवर्थ की शर्तों को पूरा नहीं कर रही थी। मोबीक्विक ने फिर से लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया है। पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज को 120 कैलेंडर दिनों के भीतर फिर से पेमेंट एग्रीगेटर आवेदन सबमिट करना है।


 

RBI के फैसले का कंपनी पर कितना असर

पेटीएम के मुताबिक आरबीआई के इस फैसले का उसके कारोबार और रेवेन्यू पर खास असर नहीं होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि आरबीआई के फैसले का असर सिर्फ नए ऑनलाइन मर्चेंट्स पर दिखेगा और नए ऑफलाइन मर्चेंट्स को प्लेटफॉर्म पर जोड़ा जा सकेगा। पेटीएम का कहना है कि पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज के प्लेटफॉर्म पर जो मौजूदा ऑनलाइन मर्चेंट्स हैं, उन पर इस फैसले से कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनी ने उम्मीद जताई है कि फिर से आवेदन करने के बाद आरबीआई से उसे मंजूरी मिल जाएगी।

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लाइसेंस लेने की जरूरत क्यों

पेमेंट एग्रीगेटर का काम ग्राहकों से सभी पेमेंट विकल्पों से पेमेंट हासिल करना है और फिर उसे एक निश्चित समय के भीतर दुकानदारों या ई-कॉमर्स साइट्स को ट्रांसफर करना है। दो साल पहले मार्च 2020 में आरबीआई ने जो दिशा-निर्देश जारी किए थे, उसके मुताबिक सभी पेमेंट एग्रीगेटर को केंद्रीय बैंक से लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया। अभी तक 185 से अधिक फिनेटक कंपनियां और स्टार्टअप्स ने इसके लिए आवेदन किया है।

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First Published: Nov 26, 2022 11:01 AM

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