भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दो माइक्रोफाइनेंस कंपनियों आशीर्वाद माइक्रो फाइनेंस और DMI फाइनेंस प्राइवेट को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय बैंक ने इन दोनों कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। इन कंपनियों को अक्टूबर 2024 में लोन मंजूर करने के साथ ही डिस्बर्समेंट से रोक दिया गया था। हालांकि, आज 8 जनवरी को RBI ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसके तहत इन कंपनियों पर से सभी सुपरवाइजरी रेस्ट्रिक्शन (Supervisory Restrictions) हटा लिए गए हैं।
अक्टूबर 2024 में RBI ने इसलिए लगाया था प्रतिबंध
अक्टूबर 2024 में RBI ने कहा था कि उसने इन कंपनियों की प्राइसिंग पॉलिसी में कुछ गंभीर चिंताएं देखी है। RBI ने पाया कि ये कंपनियां अपने वेटेड एवरेज लेंडिंग रेट (WALR) और कॉस्ट ऑफ फंड्स पर चार्ज किए गए इंटरेस्ट स्प्रेड को जरूरत से ज्यादा रख रही थीं, जो रेगुलेटरी गाइडलाइन के अनुरूप नहीं था। इसके चलते RBI ने 'मटेरियल सुपरवाइजरी कंसर्न' का हवाला देते हुए चार NBFC और NBFC-MFI पर एक्शन लिया और उन्हें लोन की मंजूरी और डिसबर्सल करने से रोक दिया था।
RBI ने प्रतिबंध हटाते हुए क्या कहा?
8 जनवरी को RBI के कहा, ""अब कंपनियों द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों और उनकी ओर से अपनाए गए नए प्रोसेस और सिस्टम से संतुष्ट होकर, साथ ही यह देखते हुए कि कंपनियां भविष्य में भी रेगुलेटरी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करेंगी, विशेष रूप से लोन प्राइसिंग में फेयरनेस बनाए रखेंगी, रिजर्व बैंक ने आशीर्वाद माइक्रो फाइनेंस और DMI फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड पर लगाए गए प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला किया है।"
इसके अलावा दो अन्य NBFC - Navi Finserv और Arohan Financial Services पर लगाए गए बिजनेस रेस्ट्रिक्शन दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 में पहले ही हटा दिए गए हैं। अक्टूबर 2024 में, ब्लूमबर्ग न्यूज ने बताया कि Arohan ने RBI के प्रतिबंधों के बाद अपनी $200 मिलियन की आईपीओ प्लान में देरी की है।