सस्ती हवाई सेवा मुहैया कराने वाली विमान कंपनी यानी बजट कैरियर स्पाइसजेट 400 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने की कोशिश में है। स्पाइसजेट की यह कोशिश अपने 25 विमानों को फिर से आसमान दिखाने के लिए है। SpiceJet ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब दिग्गज एयरलाइन कंपनी गोफर्स्ट (Go First) दिवालिया होने की कगार पर है। इसने दिवालियापन के लिए मंगलवार 2 मई को आवेदन कर दिया है और नगदी संकट के चलते 3 मई और 4 मई की अपनी सभी उड़ानों को रद्द करने का ऐलान भी कर दिया था। ऐसे में समझा जा रहा है कि गोफर्स्ट के हटने से जो जगह खाली हुई है, स्पाइसजेट उसे भरने की कोशिश में अपने अतिरिक्त विमानों को लाने की कोशिश में है।
कहां से जुटाएगी SpiceJet पैसे
अपने 25 विमानों को फिर से उड़ान भरने देने के लिए स्पाइसजेट सरकार के इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) और बेहतर कैश अक्रूअल्स के जरिए जुटाएगी। विमान कंपनी ने जो बयान जारी किया है, उसके मुताबिक इसने इन विमानों को फिर से चालू करने के लिए पहले ही 400 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। स्पाइसजेट के चेयरमैन और एमडी अजय सिंह का कहना है कि इससे आने वाले पीक ट्रैवल सीजन का अधिक से अधिक फायदा कंपनी उठा सकेगी।
वाडिया ग्रुप की गोफर्स्ट ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के पास दिवाला प्रक्रिया के लिए आवेदन कर दिया है। इस आवेदन के ठीक पहले कंपनी ने भारी नगदी संकट के चलते तीन से पांच मई की सभी उड़ानों को रद्द भी कर दिया। गोफर्स्ट के सीईओ कौशिश खोना के मुताबिक एनसीएलटी में आवेदन स्वीकार होने के बाद उड़ानें फिर से शुरू हो जाएंगी। गोफर्स्ट के मुताबिक प्रैट एंड व्हिटनी इंजन की सप्लाई नहीं कर रही है और इंजनों की मरम्मतों के साथ कलपुर्जे भी नहीं मिल पा रहे हैं जिसके चलते दिक्कत आई है। गोफर्स्ट ने प्रैट एंड व्हिटनी को इस पूरी स्थिति का जिम्मेदारी ठहराया है जिसके चलते उसके करीब आधे यानी 28 विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं।