स्टार्टअप के लिए कितना पैसा जुटाना होगा? महज 8 हजार रुपये...यह मजाक नहीं है। अश्नीर ग्रोवर (Ashneer Grover) के पार्टनर और थर्ड यूनिकॉर्न (Third Unicorn) के फाउंडर असीम घावेरी (Aseem Ghavri) ने वर्ष 2009 में अपना स्टार्टअप महज 8 हजार रुपये के निवेश से शुरू किया था। असीम ने लिंक्डइन पर लिखा है कि उन्होंने कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही 2009 में अपना पहला कारोबार शुरू किया था। हालांकि इस दौरान कई चुनौतियां भी आईं जिससे उन्हें निपटना पड़ा। इसके बाद उन्होनें लगातार नए-नए टेक आइडिया पर काम किया और भारतपे (BharatPe) को आगे बढ़ाने में मदद किया। उन्होंने अपनी पोस्ट में नए कारोबारियों को अहम सुझाव दिए हैं।
इस तरह शुरू किया पहला कारोबार
वह बचपन से ही कारोबारी बनने के बारे में सुनिश्चित थे। वह एक सर्विस-क्लास फैमिली से थे और पूरी जिंदगी कम से कम में जीने की कोशिशों के चलते उन्होंने यह समझ लिया था कि नौकरी के भरोसे वह इन सीमाओं को नहीं तोड़ पाएंगे। हालांकि सबसे बड़ा सवाल यही थी कि शुरू कहां से करें। उनके पास त्योहारों पर रिश्तेदारों से मिले और पॉकेट मनी को मिलाकर सिर्फ 8 हजार रुपये थे। हालांकि फिर एक दिन उन्होंने क्वालिटी वाल्स आइस क्रीम कार्ट देखते हुए उन्हें एक आइडिया आया कि हॉट फूड कार्ट तैयार किया जाए। इसके बाद इस आइडिया पर काम किया, कुछ फूड प्रोडक्ट्स चखे और हॉटडॉग पर पहला कार्ट तैयार हो गया। इस प्रकार हंग्री विले (Hungry Ville) के हॉट डॉग की शुरुआत हुई।
कारोबार शुरू करने में कई चुनौतियां भी आईं। 'नगरपालिका के गुंडों' ("Municipal Cooperation Goons") से धमकी मिली, पुलिस ने पिटाई की और फिर पड़ोसी तो थे ही परेशान करने के लिए। उन्होंने एक घटना का वर्णन किया है कि एक पड़ोसी आंटी कार्ट पर आकर उनसे घर का हालचाल पूछने लगी और कहा कि उनके परिवार को क्या पैसों से किसी प्रकार के सहायता की जरूरत है? असीम के पास पहले एंप्लॉयीज रखने के लिए पैसे नहीं थे तो उन्होंने खुद ग्राहकों के पास हॉट डॉग्स उनकी कार तक पहुंचाया।
इंजीनियरिंग का छात्र कार में खाना पहुंचाए, यह अच्छा नहीं माना जाता था और उनके माता-पिता भी कभी-कभी दोस्तों और परिवार के सामने इस बात को लेकर असहज हो जाते थे। हालांकि इन सब चुनौतियों के बावजूद उनका कारोबार चल निकला और पहले दो दिन उनके सारे हॉट डॉग्स बिक गए। इस बाद हर महीने कारोबार बढ़ता गया। जो भी कमाई होती थी, उससे चंडीगढ़ में कुछ और कार्ट खोले जाते।
नए कारोबारियों को इगो एक तरफ रखने की सलाह
थर्ड यूनीकार्न के को-फाउंडर असीम ने बाकी एंटरप्रेन्योर्स को सलाह दी कि अपना इगो एक तरफ रखे। उन्होंने अपना उदाहरण दिया है कि ग्राहकों को फूड सर्व करते समय उन्होंने कभी शर्म नहीं महसूस की। पड़ोसी और रिश्तेदारों ने उन्हें जज किया लेकिन इसके बावजूद वह नहीं रुके। असीम के मुताबिक अगर आप छोटी शुरुआत भी करते हैं तो यह भी बेहतर है लेकिन जो सबसे जरूरी है, वह ये कि अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलिए और अपना मजबूत कदम आगे बढ़ाइए। असीन ने फूड कार्ट के बाद कई टेक आइडिया पर काम किया, ई-कॉमर्स कंपनी खोली और फिनटेक कंपनी भारतपे को आगे बढ़ाने में मदद की।