Byju's News: दिग्गज एडुटेक स्टार्टअप बायजूज (Byju's) की दिक्कतें खत्म नहीं हो रही है। अब इसके खिलाफ एक जांच की बात सामने आ रही है। सीएनबीसी-टीवी18 को सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि केंद्रीय कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने इसके खिलाफ जांच का आदेश दिया है। केंद्रीय मिनिस्ट्री ने बायजूज में विभिन्न कॉर्पोरेट प्रशासन से जुड़ी खामियों का संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया है। यह खुलासा कंपनी के ऑडिटर डेलॉयट (Deloitte) और बोर्ड के तीन सदस्यों के कंपनी का साथ छोड़ने के एक दिन बाद हुआ है। हालांकि कंपनी ने इस्तीफे को लेकर इनकार भी किया है।
बायजूज की स्टैटुअरी ऑडिटर डेलॉइट हासकिन्स एंड सेल्स (Deloitte Haskins & Sells) ने कंपनी छोड़ दी। डेलॉइट का कहना है कि बायजूज वित्त वर्ष 2022 के वित्तीय नतीजे को फाइल करने में देरी कर रही है जिसके चलते वह कंपनी छोड़ रही है। इसके अलावा बायजूज को गुरुवार को एक और तगड़ा झटका लगा। बायजूज के बोर्ड के तीन सदस्यों ने इसके फाउंडर बायजू रवींद्रन के साथ गतिविधियों से जुड़े मसले पर विचार नहीं मिलने के चलते कंपनी छोड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक सिकोइया कैपिटल के जीवी रविशंकर, चान जुकरबर्ग के विवियन वू और प्रोसुस के रुसेल ड्रेजेनस्टॉक ने बोर्ड से इस्तीफा दिया है। इनके निकलने के बाद अब बोर्ड में रिजू रवींद्रन, बायजू रवींद्रन और दिव्या गोकुलनाथ ही हैं। वहीं बायजूज ने BDO (MSKA & Associates) को वित्त वर्ष 2022 से लेकर अगले पांच साल तक ऑडिटर बनाया है।
और भी दिक्कतों से जूझ रही है कंपनी
बायजूज अमेरिका में कानूनी लड़ाई लड़ रही है। बायजूज ने 120 करोड़ डॉलर के टर्म लोन बी (TLB) को फटाफट चुकाने के लेंडर्स के दबाव के चलते न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। इसके अलावा इस लोन के एक बड़े हिस्से को खरीदने पर रेडवुड (Redwood) के खिलाफ भी याचिका दायर किया है।
बायजूज को एक और बड़ी दिक्कत अप्रैल में झेलनी पड़ी। इसके तीन ऑफिसों पर बायजूज ने अप्रैल में छापा मारा था। हालांकि कंपनी ने सफाई दी कि उसने सभी नियमों का पालन किया है।