दिग्गज एडुटेक स्टार्टअप बायजूज (Byju's) के लेंडर्स ने लोन के लिए गिरवी रखे एसेट्स को सुरक्षित रखने के लिए रिस्क एडवायजरी फर्म क्रोल (Kroll) को जिम्मेदारी सौंपी है। इसकी जरूरत लेंडर्स को इसलिए पड़ी क्योंकि कंपनी इसे बेचने की योजना बना रही थी जबकि लोन डिफॉल्ट होने की स्थिति में लेंडर्स इन एसेट्स को जब्त कर सकती है। क्रोल को ग्रेट लर्निंग और बायजूज की सिंगापुर इकाई को सुरक्षित रखने का जिम्मा मिला है। इससे ग्रेट लर्निंग के बिक्री की संभावनाओं पर विराम लगा है। इससे पहले बायजूज ने करीब दो साल पहले लिए गए 120 करोड़ डॉलर के टर्म लोन को चुकाने के लिए इसकी बिक्री की योजना तैयार की थी।
ग्रेट लर्निंग को सुरक्षित करने के लिए एडवायजरी फर्म को नियुक्त करना बायजूज के लिए तगड़ा झटका है। इसकी वजह ये है कि ग्रेट लर्निंग और बुक रीडिंग प्लेटफॉर्म एपिक को बेचकर कंपनी 80-100 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए बातचीत कर रही थी। टर्म लोन बी को चुकता करने के लिए ही कंपनी इसकी बिक्री करने वाली थी। कंपनी ने पिछले महीने सितंबर में लेंडर्स को छह महीने के भीतर ही पूरा लोन चुकाने के लिए एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें दिसंबर तक यह 30 करोड़ डॉलर का एकमुश्त पेमेंट करती।
क्रोल की सिंगापुर इकाई के प्रमुख जेसन अलेक्जेंडर करदाची (Jason Aleksander Kardachi) और रीस्ट्रक्चरिंग के वैश्विक उपप्रमुख कोसिमो बोरेल्ली (Cosimo Borrelli) को ग्रेट लर्निंग एडुकेशन और बायजूज की सिंगापुर इकाई को सुरक्षित रखने का जिम्मा सौंपा गया है। एडवायजरी फर्म ने 11 अक्टूबर को इससे जुड़ा बयान जारी किया। इनकी नियुक्ति बायजूज के अल्फा के सिक्योर्ड क्रेडिटर्स के बिहाफ पर किया गया है। क्रोल का कहना है कि उनका मुख्य फोकस बायजूज के एसेट्स और कारोबार को सुरक्षित रखना है। क्रोल का कहना है कि एडवायजरी फर्म को इसका जिम्मा सौंपने पर इनके कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इनके सभी कोर्सेज और प्रोग्राम पहले की तरह ही जारी रहेंगे।
दिक्कतों से जूझ रही है बायजूज
बायजूज को पिछले कुछ समय से लिक्विडिटी की दिक्कते हैं क्योंकि कंपनी लंबे समय से फंड जुटाने की कोशिश कर रही है लेकिन सफल नहीं हो पाई है। कंपनी लागत में कटौती के लिए कारोबारी ढांचे में बदलाव कर रही है। इसके अलावा बेंगलुरु और दिल्ली एनसीआर जैसे शहरों में अपने ऑफिस को खाली कर दिया है और इस साल करीब 10,000 एंप्लॉयीज की छंटनी कर दी है।