बायजूस (Byju’s) 22 अरब डॉलर के अपने मौजूदा वैल्यूएशन पर करीब 1 अरब डॉलर की भारी फंडिंग जुटाने की तैयारी में है। यह फंडिंग इक्विटी और स्ट्रक्चर्ड इंस्ट्रूमेंट्स दोनों में जुटाया जा रहा है। यह हाल के समय में स्टार्टअप इंडस्ट्री की सबसे बड़ी फंडिंग राउंड में से एक होगा और नियामकीय जांच के बीच Byju’s को राहत पहुंचाएगा। बता दें कि बायजूस, भारत की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की सबसे अधिक वैल्यूएशन वाली एडटेक कंपनी है। यह संभावित फंडिंग यह भी बताएगा कि बायजूस के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन में निवेशकों का भरोसा अभी भी मजबूत बना हुआ है।
ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के प्रावधानों के तहत इसके ऑफिसों में छापे मारे थे, जिसके बाद इसके कारोबारी तरीकों पर सवाल उठने शुरू हुए थे।
इसके अलावा इस फंडिंग को लेकर बातचीत ऐसे समय में चल रही है, जब देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में फंडिंग की भारी कमी देखी जा रही है। स्टार्टअप्स में बढ़चढ़ निवेश करने वाले कई निवेशकों ने अपने दांव में 80 फीसदी तक की कटौती कर ली है। इसके अलावा निवेशक एडटेक कंपनियों में पैसे लगाने से बच रहे हैं क्योंकि कोरोना महामारी के बाद ऑनलाइन लर्निंग की मांग में कमी देखी जा रही है।
इस मामले से वाकिफ एक सूत्र ने मनीकंट्रोल को बताया कि इस 1 अरब डॉलर की फंडिंग राउंड में करीब 70 करोड़ डॉलर तक इक्विटी के जरिए जुटाए जाएंगे। मिडिल ईस्ट की तीन प्रमुख सॉवरेन फंडों में से एक इस राउंड की अगुआई कर सकता है और उसके साथ बातचीत आखिरी चरण है।
बाकी के करीब 30 करोड़ डॉलर को स्ट्रक्चर्ड इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए जुटाया जाएगा। इसके लिए कंपनी ओकट्री कैपिटल मैनेजमेंट, अपोलो मैनेजमेंट और डेविडसन केम्पनर कैपिटल मैनेजमेंट जैसी अमेरिका की कई एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है।
स्ट्रक्चर्ड इंस्ट्रूमेंट्स, शेयरों पर आधारित इनवेस्मेंट प्रोडक्ट होते हैं, जो बाजार से लिंक होते हैं। इन्हें आईपीओ के समय में शेयर में बदलने (आमतौर पर डिस्काउंट पर) का विकल्प होता है। यह फंडिंग राउंड अगले एक महीने में पूरा हो सकता है।