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'भगोड़ा नहीं हूं, जल्द होगा सैलरी का पेमेंट; फिर भले ही और कर्ज लेना पड़े': बायजू रवींद्रन

Byju's Crisis: कंपनी की वित्तीय उथल-पुथल के बीच बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि Byju’s बदलाव की कगार पर है, और Byju’s 3.0 लॉन्च करने की योजना बना रहा है। यह एक नया AI-संचालित एजुकेशनल प्लेटफॉर्म है। रवींद्रन ने कुछ रिपोर्ट्स में लगाए गए उन आरोपों का भी जोरदार खंडन किया कि वे कानूनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं

अपडेटेड Aug 21, 2024 पर 9:50 AM
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विदेशी ऋणदाताओं के साथ कानूनी विवाद के कारण Byju's का वित्तीय नियंत्रण फ्रीज बना हुआ है।

Byju's Crisis: संकटग्रस्त एडटेक स्टार्टअप Byju’s की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ने कर्मचारियों को जुलाई महीने का वेतन नहीं दिया है। इसे लेकर कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने सैलरी में देरी को लेकर कर्मचारियों की चिंताओं को दूर किया है। उन्होंने चल रही कानूनी चुनौतियों के बावजूद जल्द समाधान का वादा किया है और यह भी कहा है कि वह भगोड़े नहीं हैं। कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में रवींद्रन ने बताया कि चल रहे बैंकरप्सी केस में NCLAT के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से अस्थायी रोक ने कंपनी की फंड तक पहुंचने की क्षमता में रुकावट पैदा की है। इसके चलते पेमेंट में देरी हुई है।

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने 2 अगस्त को BCCI के साथ Byju’s के 158.9 करोड़ रुपये के बकाया निपटान को मंजूरी दी थी। साथ ही Byju’s के खिलाफ दिवाला कार्यवाही के NCLT के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को स्टार्टअप के अमेरिका स्थित लेनदार ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी की याचिका के आधार पर NCLAT के फैसले पर रोक लगा दी।

सैलरी का पेमेंट जल्द होगा


बायजू रवींद्रन ने ईमेल में लिखा, 'मैं समझता हूं कि यह कितना महत्वपूर्ण है, और मैं स्थिति को स्पष्ट रूप से समझाना चाहता हूं।' उन्होंने बताया कि विदेशी ऋणदाताओं के साथ कानूनी विवाद के कारण कंपनी का वित्तीय नियंत्रण फ्रीज बना हुआ है। आगे लिखा, 'यह केवल एक वादा नहीं है, यह एक कमिटमेंट है। आपकी सैलरी का पेमेंट जल्द से जल्द किया जाएगा, भले ही इसके लिए अधिक व्यक्तिगत ऋण लेना पड़े"

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'भगोड़ा नहीं हूं'

रवींद्रन ने कुछ रिपोर्ट्स में लगाए गए उन आरोपों का भी जोरदार खंडन किया कि वे कानूनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं भगोड़ा नहीं हूं।" साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उनकी यात्राएं कारोबारी और पारिवारिक कारणों से हैं, जिसमें उनके पिता की हेल्थ कंडीशन के कारण अमेरिका में बिताया गया समय भी शामिल है। रवींद्रन ने लिखा, "मैं हमेशा अपने ठिकाने और गतिविधियों के बारे में पारदर्शी रहा हूं। कानूनी या वित्तीय दायित्वों से बचने का कभी कोई प्रयास नहीं किया गया।"

ऑपरेशंस बरकरार रखने के लिए फाउंडर्स ने लगाए ₹7500 करोड़

लेटर में Byju’s पर पड़ने वाले वित्तीय दबाव के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। कहा गया है कि फाउंडर्स ने ऑपरेशंस बरकरार रखने के लिए कंपनी में 7,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इसमें बायजू रवींद्रन के भाई रिजू रवींद्रन ने पिछले दो वर्षों में वेतन के लिए व्यक्तिगत रूप से 1,600 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।

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रवींद्रन ने लिखा, "मेरे भाई रिजू ने BCCI के साथ 158 करोड़ रुपये के सेटलमेंट की पूरी वित्तीय जिम्मेदारी ली है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्तेमाल की गई धनराशि पूरी तरह से उनके भाई के पर्सनल फाइनेंस से प्राप्त की गई थी, जो Bjyu’s में शेयरों की बिक्री के माध्यम से जमा हुई थी। ये फंड यूएस में जुटाए गए टर्म लोन बी (टीएलबी) से पूरी तरह अलग हैं।

 

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