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NCLAT से Byju's और BCCI को बड़ा झटका, स्टार्टअप के खिलाफ नहीं रुकेगी दिवाला कार्यवाही

याचिका में नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल की बेंगलुरु पीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी। NCLAT की चेन्नई पीठ के जस्टिस राकेश कुमार जैन और जस्टिस जतिंद्रनाथ स्वैन ने NCLT के निर्देशों को बरकरार रखा और कहा कि सेटलमेंट प्रपोजल CoC के गठन के बाद दायर किया गया था

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Apr 18, 2025 पर 4:47 PM
NCLAT से Byju's और BCCI को बड़ा झटका, स्टार्टअप के खिलाफ नहीं रुकेगी दिवाला कार्यवाही
रिजू रवींद्रन Byju's के को-फाउंडर बायजू रवींद्रन के भाई हैं।

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने एडटेक स्टार्टअप Byju's के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को वापस लेने की BCCI और रिजू रवींद्रन की अपील को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही NCLAT ने कर्ज में डूबे स्टार्टअप और BCCI के बीच समझौते पर विचार करने की याचिका को भी रद्द कर दिया। रिजू रवींद्रन Byju's के को-फाउंडर बायजू रवींद्रन के भाई हैं।

याचिका में नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) की बेंगलुरु पीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी। इस पीठ ने 10 फरवरी, 2025 को BCCI और Byju's को कर्जदाताओं की नई समिति (CoC) के सामने अपने सेटलमेंट ऑफर को रखने का निर्देश दिया था। CoC में अमेरिका स्थित ग्लास ट्रस्ट भी एक सदस्य है। यह Byju's को 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज देने वाले लेंडर्स का प्रतिनिधित्व करती है।

NCLAT की चेन्नई पीठ के जस्टिस राकेश कुमार जैन और जस्टिस जतिंद्रनाथ स्वैन ने NCLT के निर्देशों को बरकरार रखा और कहा कि सेटलमेंट प्रपोजल CoC के गठन के बाद दायर किया गया था। इसलिए इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के सेक्शन 12 A के प्रावधानों के अनुसार, इसे ऋणदाता निकाय की मंजूरी की जरूरत है।

BCCI और रिजू रवींद्रन का क्या है तर्क

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