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Zepto ने बदला ऐप का अंदाज, अनचाही खरीद के लिए उकसाने वाले 'डार्क पैटर्न्स' हटे

Zepto के ये बदलाव ऐसे वक्त पर हुए हैं, जब कंपनी एक बड़े फंडिंग राउंड से गुजर रही है। डार्क पैटर्न्स पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से भारतीय रेगुलेटर्स के निशाने पर हैं। वैसे जेप्टो ने इस बात से इनकार किया है कि उसके इंटरफेस में डार्क पैटर्न्स का इस्तेमाल किया गया है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Aug 13, 2025 पर 6:03 PM
Zepto ने बदला ऐप का अंदाज, अनचाही खरीद के लिए उकसाने वाले 'डार्क पैटर्न्स' हटे
इस तरह के बदलाव करने वाली Zepto, पहली ई-कॉमर्स कंपनी है।

क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म जेप्टो (Zepto) ने अपने ऐप से कुछ इंटरफेस एलिमेंट्स को हटा दिया है। इन्हें ग्राहकों ने "डार्क पैटर्न्स" का नाम दिया था। ये इंटरफेस एलिमेंट्स कुछ इस तरह से डिजाइन की गईं टैक्टिक्स हैं, जो यूजर्स को अनचाही खरीद के लिए प्रेरित करती हैं। लेकिन रेगुलेटरी प्रेशर के बीच जेप्टो ने इन्हें अपने ऐप से हटा दिया है। इस तरह के बदलाव करने वाली जेप्टो, पहली ई-कॉमर्स कंपनी है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में जेप्टो, उबर और ओला सहित कई ई-कॉमर्स कंपनियों को चेतावनी दी थी। उन्हें मैनिपुलेटिव डिजाइन एलिमेंट्स को हटाने को कहा गया था। ऐसा नहीं करने पर रेगुलेटरी एक्शन का सामना करने के लिए तैयार रहने की चेतावनी थी।

जेप्टो ने क्या किए बदलाव

सबसे पहले बात करते हैं फ्री डिलीवरी सिस्टम की। जेप्टो ने अपने फ्री डिलीवरी बेनिफिट के काम करने के तरीके में बदलाव किया है। पहले यूजर्स को इसे मैन्युअल तरीके से "ऑप्ट इन" करना पड़ता था। इसे लेकर ग्राहकों ने जेप्टो को आड़े हाथों लिया था। लेकिन अब बदलाव के तहत फ्री डिलीवरी अपने आप ऑटोमेटिकली अप्लाई हो जाएगी, जैसे कि जेप्टो के कॉम्पिटीटर्स के ऐप में होती है।

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