Get App

मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद, भारत-चीन के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स जॉइंट वेंचर को लेकर बातचीत तेज

India-China Electronics JVs: इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि ये साझेदारियां केंद्र की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) के हिसाब से बनाई जा रही हैं। कंपनियां जल्द से जल्द मंजूरी चाहती हैं, क्योंकि उनकी नजर ₹22,919 करोड़ के प्रोत्साहन पैकेज पर है

Edited By: Abhishek Guptaअपडेटेड Sep 03, 2025 पर 12:21 PM
मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद, भारत-चीन के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स जॉइंट वेंचर को लेकर बातचीत तेज
फिलहाल दुनिया के 60% से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का निर्माण चीन में होता है

Modi-Xi Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की SCO शिखर सम्मेलन में मुलाकात हुई। इसके बाद भारत और चीन की कंपनियों के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में जॉइंट वेंचर (JV) और टेक्नोलॉजी साझेदारी को लेकर बातचीत तेज हो गई है। मनीकंट्रोल को इस उद्योग से जुड़े अधिकारियों के हवाले से बताया है कि दोनों देशों के बीच बेहतर होते रिश्तों के बाद यह गति देखने को मिल रही है। दरअसल ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से वैश्विक सप्लाई चेन पर दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में यह कदम दोनों सरकारों के बीच जुड़ाव को मजबूत करने की कोशिश का हिस्सा है।

जानकारी के मुताबिक, बातचीत खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट के क्षेत्र में हो रही है, जहां भारतीय मैन्युफैक्चरर चीनी कंपनियों के साथ टेक्नोलॉजी और लागत के मामले में साझेदारी करना चाहते हैं।

सरकारी प्रोत्साहन से मिल रहा बढ़ावा

इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि ये साझेदारियां केंद्र की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) के हिसाब से बनाई जा रही हैं। कंपनियां जल्द से जल्द मंजूरी चाहती हैं, क्योंकि उनकी नजर ₹22,919 करोड़ के प्रोत्साहन पैकेज पर है। इन साझेदारियों से भारत को प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCBs), डिस्प्ले मॉड्यूल, कैमरा सब-असेंबली और बैटरी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर उत्पादन करने में मदद मिलेगी।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें