टाटा ग्रुप (Tata Group) की स्टील कंपनी टाटा स्टील (Tata Steel) ब्रिटेन के अपने एक कारोबार को बंद करने जा रही है जिसका झटका करीब 3 हजार एंप्लॉयीज को लगेगा। ट्रेड यूनियन के अधिकारियों के हवाले से बीबीसी ने दावा किया है कि टाटा स्टील यूनाइटेड किंगडम (UK) के वेल्स में स्थित पोर्ट टालबोट स्टीलवर्क्स में ब्लास्ट फर्नेस बंद करेगी। अभी कंपनी ने इसे लेकर ऐलान नहीं किया कि इस योजना पर वह आगे बढ़ रही है या नहीं। टाटा एग्जेक्यूटिव्स ने लंदन के ताज होटल में ट्रेड यूनियन्स के साथ मुलाकात के बाद इसे बंद करने का फैसला किया।
ट्रेड यूनियन के प्लान को Tata Steel ने किया खारिज
इस ब्लास्ट फर्नेस को बंद करने की बजाय इसे चालू रखने का जो प्रस्ताव ट्रेड यूनियन ने रखा था, उसे टाटा स्टील ने खारिज कर दिया है। द गॉर्डियन की रिपोर्ट में ऐसा ही दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेड यूनियन ने ब्लास्ट फर्नेस के बंद करने की बजाय इसे रखते हुए धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक आर्क की तरफ शिफ्ट होने का प्रस्ताव रखा था। कॉर्बन उत्सर्जन कम करने के लिए ग्रीनर स्टील प्रोडक्ट्स बनाने की योजना है और इसके लिए इलेक्ट्रिक आर्क की तरफ शिफ्ट होना है। यूनियन ने यह विचार रखा था कि ब्लास्ट फर्नेस को इस ट्रांजिशन पीरियड यानी वर्ष 2032 तक रखा जाए।
यूके इस मामले में बन सकता है G20 का पहला देश
यूके सरकार ने पिछले साल सितंबर में टाटा स्टील के साथ 125 करोड़ पौंड (10.4 हजार करोड़ रुपये) के ज्वाइंट इनवेस्टमेंट पैकेज का ऐलान किया था। इसमें पोर्ट टैलबोट भट्ठियों में ऑपरेशंस को सुरक्षित करने के लिए एक बड़ा अनुदान शामिल था। खास बात ये है कि टाटा स्टील का यूके वर्टिकल पिछले कुछ तिमाहियों से घाटे का सौदा साबित हुआ है। पोर्ट टालबोट यूनिट्स से जुड़े भारी-भरकम इंपेयरमेंट चार्जेज के चलते जुलाई-सितंबर 2023 में इसे 6511 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। पोर्ट टालबोट की भट्ठी बंद होने के बाद यूके में सिर्फ स्कंटहोर्पे (Scunthorpe) में ही इसकी भट्ठी रह जाएगी। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यह भी बंद हो सकती है और ऐसा होता है तो G20 देशों में यूके इकलौता देश हो जाएगा जो कच्चे माल से स्टील नहीं बना सकता।