देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने इस वित्त वर्ष 2022-23 की सबसे बड़ी डील हासिल की है। इस वित्त वर्ष ही नहीं बल्कि पिछले तीन साल में यह टीसीएस के लिए सबसे बड़ी डील है। टीसीएस ने ब्रिटिश क्लाइंट फीनिक्स ग्रुप (Phoenix Group) के साथ अपने सौदे को 60 करोड़ पौंड (72.3 करोड़ डॉलर यानी 5976.97 करोड़ रुपये) में रिन्यूअल किया है। टीसीएस ने यह सौदा ऐसे समय में हासिल किया है जब अनिश्चितता और मैक्रो एनवॉयरमेंट की चुनौतियों के चलते क्लाइंट खर्चों पर कंट्रोल कर रहे हैं। फीनिक्स ग्रुप यूनाइटेड किंगडम (यूके) की सबसे बड़ी लॉन्ग टर्म सेविंग्स और रिटायरमेंट्स प्रोवाइडर है। इस सौदे का असर शेयरों पर भी दिख रहा है और बीएसई पर डेढ़ फीसदी से अधिक तेजी के साथ 3526 रुपये के भाव (TCS Share Price) पर ट्रेड हो रहा है।
इस सौदे के तहत क्या करेगी TCS
टीसीएस ने फीनिक्स ग्रुप के साथ जो सौदा आगे बढ़ाया है, उसके तहत टीसीएस लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने वाली ReAssure के पॉलिसीहोल्डर्स के कस्टमर एक्सपीरिएंस को मजबूत किया जाएगा। रीएश्योर का फीनिक्स ग्रुप ने करीब तीन साल पहले 2020 में अधिग्रहण कर लिया था। सौदे के तहत टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी रीएश्योर के काम करने के ढंग में बदलाव करेगी और इसे अपने कोर बैंकिंग सॉफ्टवेयर TCS BaNCS पर कंसालिडेट करेगी।
रीएश्योर के 30 लाख पॉलिसीज की सर्विसिंग और कस्टमर एडमिनिस्ट्रेशन को फीनिक्स ग्रुप के बिहाफ पर Diligenta मैनेज करेगी। Diligenta ब्रिटेन में टीसीएस की रेगुलेटेड सब्सिडियरी है। आसान शब्दों में कहें तो टीसीएस का काम फीनिक्स ग्रुप की सर्विस क्वालिटी को बेहतर करना है।
मार्केट बढ़ रही ट्रांसफॉर्मेशन की तरफ- कंपनी
टीसीएस ने पिछले महीने दिसंबर 2022 तिमाही के नतीजे पेश किए थे। नतीजों के बाद मनीकंट्रोल से बातचीत में कंपनी के सीईओ राजेश गोपीनाथन ने कहा कि साइज या टेन्योर के हिसाब से डील्स में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी भी कीमत पर ट्रांसफॉर्मेशन यानी बदलाव की बजाय लागत पर अधिक फोकस है। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई कंपनी सिर्फ लागत या ट्रांसफॉर्मेशन के बारे में सोचे तो वह कॉम्पटीटिव नहीं रहेगी।
ऐसे में रणनीतिक रूप से पूरी तरह सोच-विचारकर ट्रांसफॉर्मेशन पर बढ़ा जाए तो एफिशिएंसी भी बढ़ेगी और ट्रांसफॉर्मेशन भी होगा। कंपनी के सीईओ के मुताबिक इसमें टीसीएस मजबूत स्थिति में है और मार्केट भी इसी तरफ बढ़ रही है यानी कि रणनीतिक रूप से ट्रांसफॉर्मेशन की तरफ।