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सुस्त मांग और बढ़ते कॉम्पटीशन के चलते बदली स्ट्रैटेजी, Asian Paints और दूसरी पेंट कंपनियां अब कर रही हैं ये काम

Paint Sector Outlook: कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और शहरी बाजार में सजावटी पेंट्स की मांग में कमी के चलते पेंट कंपनियों को झटका लगा है। पेंट कंपनियां मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए स्ट्रैटेजी में बदलाव कर रही हैं। जानिए एशियन पेंट्स, बर्जर पेंट्स और एक्जो नोबल की स्ट्रैटेजी अब क्या है और ब्रोकरेज का क्या कहना है?

अपडेटेड Feb 18, 2025 पर 7:18 PM
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Paint Sector Outlook: ब्रोकरेज कंपनी मोतीलाल ओसवाल ने हाल ही में एक नोट में कहा था कि वित्तीय तौर पर मजबूत नए प्लेयर्स की पेंट सेक्टर में एंट्री से बाजार हिस्सेदारी और कॉस्ट स्ट्रक्चर में बदलाव दिख सकता है। (File Photo- Pexels)

सुस्त मांग और बढ़ते कॉम्पटीशन के बीच पेंट बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनियां अपने लागत पर नियंत्रण करने के लिए अलग-अलग उपाय तलाश रही हैं। एनालिस्ट्स और इंडस्ट्री एग्जीक्यूटिव्स के मुताबिक एशियन पेंट्स (Asian Paints), बर्जर पेंट्स (Berger Paints), और एग्जो नोबेल (Akzo Nobel) जैसी कंपनियां टीमों की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए ओवरहेड्स को घटा रही हैं ताकि मार्जिन को बचाया जा सके। पेंट सेक्टर में नए प्लेयर्स की एंट्री, डिस्काउंटिंग एक्टिविटी बढ़ने और आक्रामक डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रैटेजी पर स्थापित कंपनियां अपने ब्रांड इमेज को और बनाने पर ध्यान दे रही हैं।

क्या कहना है ब्रोकरेज का?

पिछली तिमाही में कंपनियों ने छोटे और नए खुदरा बाजारों में प्रवेश करने के लिए सेल्स में अधिक हायरिंग करने के लिए खर्च बढ़ाया था। हालांकि अब कंपनियां अपने लागत को कम करने के लिए एक कदम पीछे हट रही हैं। ब्रोकरेज कंपनी मोतीलाल ओसवाल ने हाल ही में एक नोट में कहा था कि वित्तीय तौर पर मजबूत नए प्लेयर्स की पेंट सेक्टर में एंट्री से बाजार हिस्सेदारी और कॉस्ट स्ट्रक्चर में बदलाव दिख सकता है।


कंपनियों की क्या है स्ट्रैटेजी?

देश की सबसे बड़ी पेंट कंपनी एशियन पेंट्स के सीईओ Amit Syngle ने इस महीने की शुरुआत में पोस्ट-अर्निंग्स कॉल के दौरान कहा था कि वह ब्रांड बनाने पर खर्च करना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि लागत को आंतरिक रूप से कम से कम करने की कोशिश की जा रही है। यात्रा इत्यादि जैसे ओवरहेड्स पर नियंत्रण करने की कोशिश की जा रही है ताकि आने वाले समय में फायदा उठाया जा सके। इन्हीं कोशिशों के तहत एंप्लॉयीज बेनेफिट एक्सपेंसेज तिमाही आधार पर दिसंबर तिमाही में 12 फीसदी कम हुआ था। हालांकि सालाना आधार पर इसमें 4 फीसदी की गिरावट आई थी। कंपनी लगातार हायरिंग की बजाय धीरे-धीरे हायरिंग और फिर एफिशिएंसी में सुधार की स्ट्रैटेजी पर चल रही है। कंपनी का पूरा फोकस इस पर है कि एंप्लॉयीज का संख्या का बेहतर इस्तेमाल हो ताकि ओवरऑल प्रोडक्टिविटी में सुधार हो।

इसी तरह देश की दूसरी सबसे बड़ी पेंट कंपनी बर्जर पेंट्स हर संभव बचत करने की स्ट्रैटेजी पर काम कर रही है। दिसंबर तिमाही में सिर्फ इसी पेंट कंपनी का मार्केट शेयर बढ़ा और वॉल्यूम में हाई सिंगल डिजिट की तेजी दिखी। कंपनी अब भी अपने हिसाब से गैर-जरूरी खर्चों में कटौती पर ध्यान दे रही है। कई कंपनियां विज्ञापनों पर खर्च घटा रही हैं लेकिन बर्जर पेंट्स के एमडी अभिजीत रॉय का कहना है कि उन्होंने विज्ञापनों पर खर्च पहले की तरह बनाए रखा है लेकिन ओवरहेड्स में बड़े पैमाने पर कटौती की गई है। इसके अलावा कुछ तकनीकी मदद भी ली गई है और बचत करने में नए स्टार्टअप ने भी मदद की है। अभिजीत का कहना है कि ये प्रयास जारी रहेंगे, और आगे चलकर सामने आएगा कि इन लागतों को नियंत्रण में रखा जा रहा है।

डुलुक्स (Dulux) बनाने वाली एक्जो नोबेल (Akzo Nobel) ने एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए 'कम ही अधिक' की स्ट्रैटेजी अपनाई है। इसके अलावा कंपनी ने कुछ पदों में बदलाव भी किए हैं, खासतौर से अहम अकाउंट मैनेजमेंट में। कंपनी के सीएमडी राजीव राजगोपाल ने कहा कि प्रोडक्टिविटी सुधारने के लिए सख्त मानक तय किए हैं।

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