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US फेडरल रिजर्व के चेयरमैन ने दिया झटका, कहा- 'अनुमानों से अधिक हो सकती है ब्याज दरों में बढ़ोतरी'

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने मंगलवार 7 मार्च को अमेरिकी संसद में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हालिया मजबूत आंकड़ों को देखते हुए यह कदम जरूरी हो सकता है और ये आंकड़े अधिक सख्त कदम उठाने का संकेत देते हैं और तो फेडरल रिजर्व महंगाई को काबू में करने के लिए बड़े कदम उठाने के लिए तैयार है

अपडेटेड Mar 07, 2023 पर 10:20 PM
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जेरोम पॉवेल की टिप्पणी शेयर बाजार के लिए भी काफी अहम है

अमेरिकी केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों में अनुमानों से अधिक बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने मंगलवार 7 मार्च को अमेरिकी संसद में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हालिया मजबूत आंकड़ों को देखते हुए यह कदम जरूरी हो सकता है और ये आंकड़े अधिक सख्त कदम उठाने का संकेत देते हैं और तो फेडरल रिजर्व महंगाई को काबू में करने के लिए बड़े कदम उठाने के लिए तैयार है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक के चेयरमैन ने कहा, "इकोनॉमी से जुड़े हालिया आंकड़े अनुमानों से अधिक मजबूत हैं। यह बताता है ब्याज दरों का शिखर बिंदु पहले के अनुमानों से अधिक हो सकता है।"

पॉवेल ने कहा कि फेड को पता था कि यह एक संकेत भी हो सकता है कि इसे महंगाई को कम करने के लिए और अधिक करने की जरूरत है। शायद उसे 0.25% की तुलना में कहीं अधिक मात्रा में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की रणनीति पर बने रहना पड़ सकता है।

पॉवेल ने कहा, "अगर आंकड़ों की समग्रता से यह संकेत मिलता है कि ब्याज दरों में तेजी की सख्त जरूरत है, तो हम दरों में बढ़ोतरी की रफ्तार को तेज करने के लिए तैयार रहेंगे।" अमेरिका में जनवरी में महंगाई के आंकड़ों में अप्रत्याशित रूप से उछाल दर्ज की गई थी। इसके बाद से पॉवेल की यह पहली टिप्पणी है।


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जेरोम पॉवेल की टिप्पणी शेयर बाजार के लिए भी काफी अहम है। फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले का दुनिया भर के शेयर बाजारों पर पड़ता है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। ब्याज दरों के बढ़ने से बाजार में पैसा कम होता है, जिसके चलते शेयर बाजारों में बिकवाली देखने को मिलती है।

निवेशक इस दौरान अपने पैसे को शेयर बाजार से निकाल एफडी जैसे सुरक्षित जगहों पर लगाना शुरू कर देते हैं, जहां कम जोखिम के साथ स्थायी रिटर्न की गारंटी होती है। पिछले एक साल से अधिक समय से नए जमाने की टेक कंपनियों में जारी गिरावट के पीछे भी फेड रिजर्व का फैसला एक अहम कारण रहा है।

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