Wholesale Inflation: महंगाई के मोर्च पर एक राहत भरी खबर आई है। अगस्त महीने में थोक महंगाई दर 2 फीसदी से नीचे घटकर 1.31 फीसदी पर आ गया। यह इसका पिछले 4 महीने का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले जुलाई महीने में थोक महंगाई दर 2.04 फीसदी रही थी। वहीं जून में यह 3.36% और मई में 2.61% रही थी। मंगलवार 17 दिसंबर को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली। हालांकि इस दौरान कंज्यूमर इंफ्लेक्शन में बढ़ोतरी जारी रही, जो जुलाई के 3.6 प्रतिशत से बढ़कर 3.65 प्रतिशत हो गया।
अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम मौजूदा स्तरों पर बने रहते हैं तो थोक महंगाई में और गिरावट आने की संभावना है। यदि कच्चे तेल की कीमतें मौजूदा स्तरों पर बनी रहती हैं तो थोक मुद्रास्फीति में और गिरावट आने की संभावना है। ब्रेंट क्रूड की कीमतें तीन साल के निचले स्तर 70 डॉलर के आसपास मंडरा रही हैं।
जुलाई 2024 की तुलना में अगस्त 2024 में मिनरल्स (-2.66%), क्रूड ऑयल और प्राकृतिक गैस (-1.84%), खाने-पीने से जुड़े आइटम्स (-1.83%) और मिनरल ऑयल्स (-0.32%) की कीमतों में कमी आई। वहीं दूसरी ओर, गैर-फूड आइटम्स (1.65%) और बिजली (1.59%) की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई।
- खाने-पीने से जुड़े आइटम्स की थोक महंगाई 3.55% से घटकर 3.26% पर रहा
- फ्यूल एंड पावर की थोक महंगाई 1.72% से घटकर -6.7% पर रहा
- मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई 1.58% से घटकर 1.22% पर रहा
- दालों की थोक महंगाई 20.27% से घटकर 18.57% पर रहा
- सब्जियों की थोक महंगाई -8.93% से घटकर -10.01% पर रहा
- आलू की थोक महंगाई 76.23% से बढ़कर 77.96% पर रहा
- अंडे, मांस, मछली की थोक महंगाई -1.59% से बढ़कर -0.69% पर आ गई
- प्याज की थोक महंगाई 88.77% से घटकर 65.75% पर रही।
इससे पहले सरकार ने 12 सितंबर को खुदरा महंगाई यानी रिटेल इंफ्लेशन के आंकड़े जारी किए गए थे। सरकार ने बताया कि अगस्त महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 3.65 फीसदी रही। इससे पहले जुलाई महीने में ये 3.54 फीसदी पर थी। सब्जियों के महंगे होने से अगस्त महीने में खुदरा महंगाई बढ़ी है।