आमतौर पर कुछ कंपनियां ऐसी होती हैं जिनके एंप्लॉयीज एक को छोड़कर दूसरे में कुछ समय तक नहीं जा सकते हैं। ऐसा होने की स्थिति में कानूनी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसा ही एक मामला हाल-फिलहाल में आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी विप्रो (Wipro) में सामने आया है।पिछले साल टॉप लेवल के 10 से अधिक एग्जेक्यूटिव्स कंपनी छोड़कर दूसरी कंपनी में चल गए थे। इनमें से विप्रो के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर जतिन दलाल (Jatin Dalal) और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मोहम्मद हक (Mohd Haque) प्रतिद्वंद्वी कंपनी कॉग्निजेंट (Cognizant) में चले गए। विप्रो ने अपने एंप्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स में नॉन-कंपीट क्लॉज के उल्लंघन के आधार पर इनके खिलाफ मुकदमा कर दिया है। ऐसे में सवाल ये उठता कि विप्रो के एंप्लॉयीज किन कंपनीज में नहीं जा सकते हैं और कब तक?
