Mobikwik IPO: आधे से अधिक घट गया आईपीओ का साइज, SEBI के पास फिर से ड्राफ्ट जमा

Mobikwik IPO: पेमेंट प्लेटफॉर्म वन मोबीक्विक सिस्टम्स (One MobiKwik Systems) ने आईपीओ का साइज घटा दिया है। नए आईपीओ साइज के हिसाब से कंपनी ने फिर से बाजार नियामक सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास ड्राफ्ट पेपर फाइल कर दिया है। यह आईपीओ पूरी तरह से नए शेयरों का होगा यानी कि मौजूदा शेयरधारक ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के तहत कंपनी में अपनी हिस्सेदारी हल्की नहीं करेंगे।

अपडेटेड Jan 05, 2024 पर 2:55 PM
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Mobikwik को बिपिन प्रीत सिंह और उपासना टाकू ने मिलकर शुरू किया था। कंपनी का लक्ष्य तकनीक के इस्तेमाल से दूर-दराज के इलाकों तक वित्तीय सर्विसेज की पहुंच सुनिश्चित करना है।

Mobikwik IPO: पेमेंट प्लेटफॉर्म वन मोबीक्विक सिस्टम्स (One MobiKwik Systems) ने आईपीओ का साइज घटा दिया है। नए आईपीओ साइज के हिसाब से कंपनी ने फिर से बाजार नियामक सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास ड्राफ्ट पेपर फाइल कर दिया है। नए ड्राफ्ट पेपर के मुताबिक मोबीक्विक का आईपीओ 700 करोड़ रुपये का हो सकता है। पहले इसने 1900 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए करीब ढाई साल पहले जुलाई 2021 में सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल किया था।

Mobikwik IPO की डिटेल्स

मोबीक्विक के 700 करोड़ रुपये के आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी करने की योजना है यानी कि मौजूदा शेयरधारक ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के तहत कंपनी में अपनी हिस्सेदारी हल्की नहीं करेंगे। हालांकि कंपनी लीड मैनेजर्स की सलाह पर आईपीओ से पहले 140 करोड़ रुपये के शेयरों का प्लेसमेंट रख सकती है जिससे आईपीओ का इश्यू साइज घट सकता है। अब आईपीओ के पैसों के इस्तेमाल की बात करें तो आईपीओ का 135 करोड़ रुपये फाइनेंशियल सर्विसेज की ग्रोथ, 135 करोड़ डेटा और टेक्नोलॉजी इनवेस्टमेंट, 70.28 करोड़ रुपये का इस्तेमाल पेमेंट डिवाइसेज के कैपिटल एक्सपेंडिचर की फंडिंग और बाकी रुपये का इस्तेमाल आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।


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Mobikwik के बारे में डिटेल्स

मोबीक्विक को बिपिन प्रीत सिंह और उपासना टाकू ने मिलकर शुरू किया था। कंपनी का लक्ष्य तकनीक के इस्तेमाल से दूर-दराज के इलाकों तक वित्तीय सर्विसेज की पहुंच सुनिश्चित करना है। यह कारोबारियों और दुकानदारों को ऑनलाइन चेकआउट, क्विक क्यूआर स्कैन, मोबिक्विक वाइब, ईडीसी मशीन और मर्चेंट कैश एडवांस जैसे सर्विसेज मुहैया कराती है।

इसकी सब्सिडियरी जाकपे (Zaakpay) एक बी2बी पेमेंट गेटवे चलाती है और इसे पेमेंट एग्रीगेटर बिजनेस के लिए RBI से अप्रूवल मिला हुआ है। मोबिक्विक का फ्लैगशिप वेंचर मोबिक्विक ऐप यूजर्स को डिजिटल क्रेडिट, निवेश और बीमा जैसी सर्विसेज मुहैया कराता है। सितंबर 2023 के आंकड़ों के हिसाब से इसके 14.69 करोड़ यूजर्स हैं और यह ऑनलाइन-ऑफलाइन पेमेंट्स के लिए 38.2 लाख दुकानदारों को सपोर्ट करती है।

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कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में इसका रेवेन्यू सालाना आधार पर 526.56 करोड़ रुपये से उछलकर 539.47 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का घाटा भी 34.60 फीसदी गिरकर 83.81 करोड़ रुपये पर आ गया। इस वित्त वर्ष की बात करें तो पहली छमाही यानी अप्रैल-सितंबर 2023 में इसे 381.09 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हासिल हुआ और 9.48 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा मिला।

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