ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) में टॉप पोजिशंस से कई इस्तीफों के चलते इसके वर्क कल्चर पर सवाल उठने लगे। अब इसे लेकर जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल (Zomato CEO Deepinder Goyal) ने जवाब दिया है कि कंपनी में एंट्रीशन की समस्या नहीं है। एट्रीशन का मतलब है कि अगर कोई एंप्लॉयी कंपनी छोड़ता है तो उनके स्थान पर किसी की हायरिंग न हो लेकिन यह छंटनी से अलग है। कंपनी के वर्क कल्चर को लेकर जोमैटो के सीईओ ने कहा कि कंपनी में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो सात साल से अधिक समय से यहां काम कर रहे हैं।
दीपिंदर के मुताबिक यह इस बात का सबूत है कि कंपनी में टैलेंट को बनाए रखने को लेकर कोई समस्या नहीं है। पिछले साल नवंबर 2022 में जोमैटो को को-फाउंडर मोहित गुप्ता ने साढ़े चार साल के बाद कंपनी छोड़ दिया था। इससे पहले जोमैटो के न्यू इनीशिएटिव्स हेड राहुल गंजू और इंटरसिटी लीजेंड्स हेड सिद्धार्थ झावड़ ने भी कंपनी छोड़ दिया था।
Zomato के टॉप-50 में आधे से अधिक 7 साल से भी पुराने एंप्लॉयी
जोमैटो के सीईओ ने ट्वीट कर कंपनी में वर्क कल्चर को लेकर सफाई दी है। उन्होंने लिखा कि पिछले कुछ महीनों से कंपनी में बड़े पदों से इस्तीफे के चलते चर्चा होने लगी कि कंपनी का वर्क कल्चर सही नहीं है। हालांकि तथ्य ये है कि जोमैटो में 200 से अधिक ऐसे एंप्लॉयी हैं जो सात साल से अधिक समय से यहां पर काम कर रहे हैं। वहीं टॉप के 50 एंप्लॉयीज की बात करें तो इसमें आधे से अधिक लोग 7 साल से अधिक समय से यहां काम कर रहे हैं। इसमें से कई तो ऐसे हैं जो यहां दूसरी और तीसरी बार काम करने आए हैं और 2011-12 से हैं।
अब कंपनी को तलाश है ऐसे लोगों की
जोमैटो के वर्क कल्चर की तारीफ करते हुए जोमैटो के सीईओ दीपिंदर ने नई हायरिंग को लेकर भी खास एलिजिबिलिटी का उल्लेख किया। दीपिंदर के ट्वीट के मुताबिक कंपनी ऐसे एंप्लॉयीज की तलाश कर रही है जो एक्स्ट्रा-टरेस्ट्रीअल परफॉर्मेंस दिखा सकते हैं और ग्रोथ माइंडसेट के हैं।