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Commodity Roundup: SEA की नई पहल, SEA और FOSFA इंटरनेशनल के बीच करार

SEA के ईडी डॉ. बी.वी. मेहता ने कहा कि देश में FOSFA के टर्म पर खाने के तेल का इंपोर्ट होता है। MoU के बाद भारत में भी आर्बिट्रेशन होना संभव होगा। ट्रेडर्स और इंडस्ट्रीज के लोगों को ट्रेनिंग देंगे

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 20, 2025 पर 4:12 PM
Commodity Roundup: SEA की नई पहल, SEA और FOSFA इंटरनेशनल के बीच करार
अप्रैल 2025 में खाने के तेल का इंपोर्ट 32 फीसदी गिरा है जबकि मई में इसमें 22 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रहा है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स’ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) और FOSFA इंटरनेशनल के बीच करार किया। ग्लोबल सहयोग का बढ़ाने के लिए करार हुआ। ट्रेड सहयोग बढ़ाना भी करार का उद्देश्य है। इस समझौते का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर सहयोग बढ़ाना, तेल-बीज-वसा क्षेत्र में व्यापार को और मजबूत बनाना तथा उद्योग से जुड़े ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान तेज करना है।

यह एमओयू SEA के अध्यक्ष संजय अस्थाना और FOSFA इंटरनेशनल के अध्यक्ष सैंटियागो विस्का द्वारा औपचारिक रूप से साइन किया गया। SEA भारत के वनस्पति तेल एवं तिलहन उद्योग का बड़ा प्रतिनिधि संगठन है, जबकि FOSFA वैश्विक व्यापार मानकों, मध्यस्थता और उद्योग संचालन में एक प्रमुख प्राधिकरण माना जाता है।

ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप बनाकर काम किया जाएगा। रिसर्च और स्किल डेवलपमेंट काम होगा। इंडस्ट्री की परेशानियों का हाल निकालने पर भी काम होगा। साल में दो बार दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधि मिलेंगे। काम की समीक्षा और आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।

खबर पर अपनी राय देते हुए SEA के ईडी डॉ. बी.वी. मेहता ने कहा कि देश में FOSFA के टर्म पर खाने के तेल का इंपोर्ट होता है। MoU के बाद भारत में भी आर्बिट्रेशन होना संभव होगा। ट्रेडर्स और इंडस्ट्रीज के लोगों को ट्रेनिंग देंगे। अक्तूबर अंत तक 160 लाख टन खाने के तेल का इंपोर्ट हुआ।

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