Gold Price Today: अंतराष्ट्रीय बाजार में सुस्ती के संकेतों के बावजूद भारत में सोने की कीमतें मजबूत बनी हुई हैं। मंगलवार (5 अगस्त) तक, 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,01,410 प्रति 10 ग्राम थी, जबकि 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने की कीमत क्रमशः ₹92,960 और ₹76,060 थी। सोने की कीमतों में ये उछाल मज़बूत सीजनल डिमांड और कमज़ोर रुपये के दोहरे प्रभाव को दर्शाती हैं, जबकि ग्लोबल स्पॉट गोल्ड 3,371 डॉलर प्रति औंस के आसपास बना हुआ है, जो अपने हालिया उच्च स्तर से नीचे है, लेकिन सितंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के चलते अभी भी ऊंचा है।
रुपये की कमज़ोरी ने आयात लागत बढ़ा दी
हाल ही में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5.5 महीने के निचले स्तर पर आ गया, जिससे सोने का आयात महंगा हो गया। मुद्रा में यह उतार-चढ़ाव घरेलू सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के प्रमुख कारणों में से एक है, भले ही अंतरराष्ट्रीय दरें सीमित दायरे में हों।
मेहता इक्विटीज़ लिमिटेड के कमोडिटीज़ के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा, "अमेरिकी रोज़गार के निराशाजनक आंकड़ों के कारण सोने और चांदी की कीमतों में तेजी आई, जिससे फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई। रुपये में भारी गिरावट ने भारतीय बाज़ार में भी कीमतों को सहारा दिया।"
चूंकि भारत अपना लगभग सारा सोना आयात करता है, इसलिए रुपये-डॉलर विनिमय दर में उतार-चढ़ाव का स्थानीय कीमतों पर सीधा असर पड़ता है। वैश्विक स्तर पर नरमी के बावजूद, निरंतर मूल्यह्रास घरेलू कीमतों को ऊंचा बनाए रख सकता है।
सीजनल डिमांड अभी भी बरकरार
भारत में सोने की खपत उसके सांस्कृतिक और सीजनल कैलेंडर से गहराई से जुड़ी हुई है। फेस्टिव सीजन जैसे शादियों के मौसम और रक्षा बंधन व गणेश चतुर्थी जैसे आने वाले त्योहारों के कारण खुदरा माँग में तेज़ी बनी रहने की उम्मीद है।
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की उपाध्यक्ष और एस्पेक्ट ग्लोबल वेंचर्स की कार्यकारी अध्यक्ष अक्षा कंबोज ने कहा, "चल रहे त्योहारी मौसम और शादियों की मज़बूत माँग से कीमतों को और बल मिलेगा। मुद्रास्फीति का बढ़ता दबाव और केंद्रीय बैंकों की निरंतर खरीदारी भी सर्राफा के लिए एक मज़बूत आधार प्रदान कर रही है।"
यूनिक चेन्स के डायरेक्टर के संयम मेहरा का कहना है कि बाजार पहले से ही उम्मीद लगा कर चल रहा था कि जैसे ही फेस्टिवल की शुरुआत होगी सोने की कीमतों में उछाल आएगा। वैसा होता दिख भी रहा है। सोने के लिए सभी फैक्टर उसके हित में काम कर रहे है। यहीं कारण है कि कीमतों में तेजी आगे भी जारी रहेगी। अमेरिकी फेड के फैसले पर बाजार की नजर बनी हुई है।
संयम मेहरा ने कहा कि अनिश्चितताओं के कारण भी सोने पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। यहीं वजह है कि 3-4 महीने में सोने के भाव 1.3-1.4 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते है। उन्होंने कहा कि पहले लोगों का भरोसा अमेरिकी डॉलर पर था, लेकिन ट्रंप की नीतियों के कारण डॉलर पर भरोसा घटा है। केंद्रीय बैंकों की निरंतर खरीदारी भी कीमतों में मजबूती दे ऱही है।
उन्होंने आगे कहा कि कीमतों में तेजी के कारण व़ॉल्यूम 30- 50 फीसदी गिरा है। लोग ग्राम के हिसाब से सोना नहीं खरीद रहे हैं। त्योहारों पर सोने का वॉल्यूम 5-7 फीसदी तक और गिर सकता है।
(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।