सरकार लैब में बनने वाले डायमंड के लिए PLI स्कीम लाने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक डायमंड इंडस्ट्री को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सरकार जल्द ही इस स्कीम का ऐलान कर सकती है। सीएनबीसी-आवाज़ को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबित अब PLI स्कीम के जरिए डायमंड इंडस्ट्री की चमक बढ़ेगी।
सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्द ही जेम्स सेक्टर के लिए PLI स्कीम ला सकती है। सरकार PLI लाने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक लैब ग्रोन डायमंड के लिए PLI लाने की योजना है। इसके लिए करीब 2 लाख करोड़ की PLI लाने की योजना है। बता दें कि लैब ग्रोन डायमंड या कृत्रिम हीरा लैब में तैयार होता है जबकि नेचुरल हीरे की माइनिंग होती है। नेचुरल हीरे जमीन के नीचे हजारों सालों में बनते हैं। वहीं, लैब ग्रोन डायमंड सिर्फ 1-4 हफ्तों में तैयार हो जाते हैं। इनकी बनावट और चमक नेचुरल हीरे जैसी ही होती है।
लैब में तैयार हीरा माइक्रोवेव में रखे कार्बन सीड से तैयार किया जाता है और एक प्लाज्मा बॉल में डालकर उसे और चमकदार बनाया जाता है। ये प्रक्रिया इन हीरों को एक हफ्ते में पहले से अधिक क्रिस्टलाइज बना देती है। बता दें कि वर्ष 2000 में प्रयोगशाला में हीरे तैयार करने वाली महज कुछ ही कंपनियां थीं। अब 25 से अधिक कंपनियां इस कारोबार में जुटी हैं। दुनियाभर में लैब में तैयार हीरों के उत्पादन की बात करें तो इसमें भारत का योगदान लगभग 15% है। भारत में पहली बार 2004 में लैब में हीरा बनाया गया था।
लैब ग्रोन डायमंड का इस्तेमाल गहने, कंप्यूटर चिप, सैटेलाइट और 5जी नेटवर्क में होता है। भारतीय लैब ग्रोन डायमंड के बड़े खरीदारों में अमेरिका,हॉन्ग कॉन्ग,UAE,इजराइल और बेल्जियम के नाम शामिल हैं।