Rice Export: केंद्र सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। सरकार ने जुलाई 2023 में चावल की घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिबंध लगाया था। एक्सपोर्टर्स ने गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट से पाबंदी हटाने के फैसले की सराहना की और इसे क्षेत्र के लिए अहम करार दिया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राइस विला के सीईओ सूरज अग्रवाल ने कहा, ‘‘इस प्रतिबंध को हटाने का भारत का साहसिक फैसला कृषि क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी है।’’
इसके अलावा सरकार ने पारबॉइल्ड चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दी है। इसकी वजह है कि देश में अनाज का भंडार बढ़ गया है और किसान आने वाले हफ्तों में नई फसल काटने के लिए तैयार हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भरपूर मानसूनी बारिश से उत्साहित होकर देश में किसानों ने 41.35 मिलियन हेक्टेयर एरिया में चावल बोया है। यह एरिया पिछले साल के 40.45 मिलियन हेक्टेयर और पिछले 5 वर्षों के औसत क्षेत्र 40.1 मिलियन हेक्टेयर से अधिक है।
एक्सपोर्ट ड्यूटी में कमी से फायदे
एक्सपोर्ट ड्यूटी में कमी से भारत के एक्सपोर्ट प्राइस कम होंगे, शिपमेंट में वृद्धि होगी, और थाइलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और म्यांमार जैसे प्रतिस्पर्धी देशों को भी अपने एक्सपोर्ट प्राइस कम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। भारत ने साल 2023 में पारबॉइल्ड चावल के एक्सपोर्ट पर 20 प्रतिशत ड्यूटी लगाई थी क्योंकि इसकी फसल सामान्य से कम बारिश के कारण प्रभावित हुई थी।
ब्राउन राइस, सफेद चावल पर भी एक्सपोर्ट ड्यूटी घटी
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ब्राउन राइस और छिलके वाले चावल पर भी एक्सपोर्ट ड्यूटी को घटाकर 10% कर दिया गया है। यह कटौती तुरंत प्रभावी होगी। सफेद चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी घटाकर शून्य कर दी गई है। हालांकि सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि प्राइवेट ट्रेडर्स को एक्सपोर्ट की इजाजत दी जाएगी या नहीं, या फिर ट्रेड सरकार-से-सरकार के बीच सौदों तक ही सीमित रहेगा।