LPG सिलेंडर दिल्ली में 1103 और लखनऊ में 1140 रुपये, आखिर क्यों बढ़ रही कीमतें?

LPG Cylinder कीमत 1 मार्च को बढ़ी है। 14.2 किलोग्राम वजन वाले सिलेंडर की कीमत दिल्ली में बढ़कर 1,103 रुपये हो गई है। इससे पहले कीमत 1,053 रुपये थी। इसका मतलब है 4.75 फीसदी वृद्धि

अपडेटेड Mar 02, 2023 पर 5:17 PM
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पिछले महीने लोकसभा में सासंद कलानिधि वीरास्वामी ने पेट्रोलियम मिनिस्टर से LPG कीमतें बढ़ने की वजह पूछी थी।

क्या आपने आजकल में घरेलू LPG सिलेंडर (LPG Cylinder) का पेमेंट किया है? इसकी कीमत लगातार बढ़ रही है। । लखनऊ में कीमत 1140.50 रुपये हो गई है, जो दिल्ली से ज्यादा है। हालांकि, कीमतों में यह वृद्धि 8 महीने बाद हुई है। इसका ऐलान 1 मार्च को हुआ। सवाल है कि आखिर एलपीजी सिलेंडर की कीमत में इस वृद्धि की क्या वजह है? इस बारे में संसद में भी सवाल उठ चुके हैं। पिछले महीने लोकसभा में सासंद कलानिधि वीरास्वामी ने पेट्रोलियम मिनिस्टर से LPG कीमतें बढ़ने की वजह पूछी थी। मिनिस्टर ने बताया था कि इंडिया को एलपीजी का आयात करना पड़ता है। साथ ही सऊदी कॉन्ट्रैक्ट का औसत प्राइस (Saudi Contract Average Price) बढ़ा है।

इंडिया में रसोई गैस का रिटेल प्राइस कैसे तय होता है?

आप 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर की जो कीमत चुकाते हैं, उसमें तीन चीजें शामिल होती हैं। पहला, एलपीजी का प्राइस। दूसरा, डीलर का कमीशन और आखिर में टैक्सेज। पेट्रोल और डीजल के प्राइसेज में टैक्स की हिस्सेदारी ज्यादा होती है। लेकिन, एलपीजी सिलेंडर के मामले में कुल प्राइस में एलपीजी की हिस्सेदारी 90 फीसदी होती है। कमीशन और टैक्सेज की हिस्सेदारी करीब 11 फीसदी होती है।


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LPG के प्राइस का कैलकुलेशन कैसे होता है?

LPG का प्राइस तय करने के लिए इंपोर्ट पैरिटी प्राइस फॉर्मूला का इस्तेमाल होता है। इंडिया एलपीजी की जरूरत पूरी करने के लिए इंपोर्ट पर निर्भर है। इससे प्राइसेज इंटरनेशनल FOB कीमतों पर निर्भर करती हैं। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के डेटा के मुताबिक, दिसंबर में LPG के इंटरनेशनल एफओबी प्राइसेज 650 डॉलर प्रति टन थे। जनवरी में यह घटकर 599 डॉलर प्रति टन पर आ गया। PPACs का फरवरी डेटा अभी जारी नहीं हुआ है। हालांकि सरकार ने कहा है कि फरवरी में एवरेज सऊदी CP बढ़कर 710 प्रति टन पर पहुंच गया था।

लेकिन, अमेरिका और यूरोप में तो गैस की कीमतें में नरमी आई है, फिर यह तेजी...?

हाल में अमेरिका और यूरोप में नेचुरल गैस कीमतों में नरमी आई है। इसकी वजह यह है कि ठंड अनुमान के मुकाबले कम पड़ी है। इसलिए ब्रेंट क्रूड के मुकाबले LPG में डिस्काउंट पर ट्रेडिंग हो रही है। अभी मिडिल ईस्ट इंडिया को एलपीजी का सबसे बड़ा सप्लायर है। इंडिया का एपीजी प्राइस का फॉर्मूला सऊदी प्रोपेन और ब्यूटेन के प्राइसेज पर निर्भर करता है। इसमें बढ़ोती देखने को मिली है। एलपीजी में 40 फीसदी प्रोपेन और 60 फीसदी ब्यूटेन होती है।

इंडिया एलपीजी के लिए क्यों आयात पर निर्भर है?

इंडिया एलपीजी की अपनी जरूरत का 60 फीसदी हिस्सा आयात से पूरा करता है। अप्रैल-सितंबर 2022 के दौरान इंडिया में एलपीजी की कुल खपत 1.38 करोड़ टन रही। इसमें से 80.7 लाख टन का आयात किया गया।

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First Published: Mar 02, 2023 4:59 PM

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