मिडिल ईस्ट में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से कच्चा तेल (Crude Oil) और महंगा हो गया है। ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत लगातार चौथे दिन बढ़कर 93 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गई। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, तेल की कीमत में आ रही तेजी की एक वजह है कि पेंटागन की ओर से कहा गया है कि अमेरिका, ईराक और सीरिया में ड्रोन हमले बढ़ा रहा है। वहीं लाल सागर में एक अमेरिकी डेस्ट्रॉयर ने यमन में हौथी विद्रोहियों द्वारा इजरायल की ओर दागी गई क्रूज मिसाइलों को रोक दिया। इसके अलावा एक वजह यह भी है कि इजराइल की ओर से गाजा पर जमीनी हमला शुरू होने का अनुमान है क्योंकि सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गई है।
7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया था, इसके बाद से तेल की कीमतों में वृद्धि हो रही है। ऐसी चिंताएं हैं कि संघर्ष ईरान सहित अन्य देशों में फैल जाएगा और संभावित रूप से इसमें अमेरिका भी शामिल हो सकता है। दुनिया को होने वाली कच्चे तेल की सप्लाई में लगभग एक तिहाई योगदान मिडिल ईस्ट का है। एनालिस्ट्स का मानना है कि जब तक इजराइल-हमास के बीच तनाव बना रहेगा, तब तक कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी का डर बना रहेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया मिडिल ईस्ट का दौरा
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल को अपना सपोर्ट देने के लिए सप्ताह के मध्य में मिडिल ईस्ट का दौरा किया। साथ ही उन्होंने संघर्ष को रोकने के लिए जोर दिया। हालांकि गाजा के एक अस्पताल में हुए विस्फोट में सैकड़ों लोगों की मौत के बाद अरब नेताओं के साथ प्लान्ड बैठक रद्द कर दी गई। इस बीच, अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने सुझाव दिया कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक अपनी अगली बैठक में ब्याज दरों को फिर से स्थिर रखेगा।