Pulses: देश में 1 अगस्त तक दलहन की बुआई में हल्की गिरावट आई है, लेकिन परेशानी की बात ये कि तुअर की बुआई करीब 7% तक गिरी है। ऐसे में कैसा उत्पादन रहेगा और कैसे इंपोर्ट और दाम रहेंगे?
Pulses: देश में 1 अगस्त तक दलहन की बुआई में हल्की गिरावट आई है, लेकिन परेशानी की बात ये कि तुअर की बुआई करीब 7% तक गिरी है। ऐसे में कैसा उत्पादन रहेगा और कैसे इंपोर्ट और दाम रहेंगे?
1 अगस्त तक तुअर की बुआई 7 फीसदी घटी है जबकि उड़द की बुआई में भी2.50 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि मूंग की बुआई में 3.37 फीसदी का उछाल आया है जबकि अन्य दलहन की बुआई में भी 1.29 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।
Agri Farmers and Trades Association के प्रेसिडेंट सुनील बलदेवा का कहना है कि अक्तूबर 2024 के बाद से ही हम सरकार से अपील करते रहे हैं कि उन्हें सस्ता इंपोर्ट बंद कर देना चाहिए। किसान फसलों की बुआई और मंडियों में माल बेचने के समय दोनों समय भाव को देखता है, सही दाम ना मिलने पर किसान दूसरे फसलों की तरफ अपना झुकाव करते है।
तुअर की बुआई में 7 फीसदी की गिरावट रही है। इसका बड़ा नुकसान यह होगा कि तुअर दालों के लिए पिछले साल हमने अफ्रीकिन देशों से निगोसिएट किया था वैसे दिक्कत फिर देखने पड़ सकती है क्योंकि कुछ सीमित देश ही है जो हमारे देश से बाहर दालें उगाती थी। भारत में दालों की कमी के कारण अन्य देश अपने भाव को ऊपर लेने की कोशिश करते है।
अगर प्रोडक्शन कम होता है और डिमांड उतनी या ज्यादा रहेगी तो इंपोर्ट को रोकना मुश्किल है। सुनील बलदेवा ने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए अपने प्रोडक्शन बढ़ाने पर ध्यान देने की जरुरत है।
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