Rupee Vs Dollar: शुक्रवार 12 सितंबर को सुबह के सौदों में रुपया सीमित दायरे में कारोबार करता हुआ 7 पैसे टूटकर 88.42 प्रति डॉलर पर आ गया। भारत के निर्यात पर टैरिफ के कारण दबाव और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
Rupee Vs Dollar: शुक्रवार 12 सितंबर को सुबह के सौदों में रुपया सीमित दायरे में कारोबार करता हुआ 7 पैसे टूटकर 88.42 प्रति डॉलर पर आ गया। भारत के निर्यात पर टैरिफ के कारण दबाव और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि अमेरिकी डॉलर सूचकांक में सुधार और विदेशी पूंजी के लगातार बहिर्वाह के बीच घरेलू मुद्रा अपने सर्वकालिक निम्नतम स्तर के आसपास मंडरा रही है।उन्होंने कहा कि आयातकों की ओर से डॉलर की मांग तथा भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ मुद्दों से भी रुपये पर दबाव पड़ा।
इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज बाजार में रुपया 88.39 पर खुला, फिर गिरावट के साथ 88.42 प्रति डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 7 पैसे की गिरावट दर्शाता है।
गुरुवार को रुपया 24 पैसे गिरकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.35 के सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ था और कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 88.47 के निम्न स्तर तक गिर गया था।
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पाबारी ने कहा, "अब नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुँचने के साथ डॉलर/रुपये की नियर टर्म रेंज 87.90 और 88.60 के बीच रहने की संभावना है। कमज़ोर डॉलर की प्रवृत्ति और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में प्रगति की उम्मीद, आने वाले दिनों में रुपये को कुछ राहत दे सकती है। लेकिन फ़िलहाल, टैरिफ़ एक ऐसा संकट बना हुआ है जिसे बाज़ार नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता।"
इस बीच छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती का सूचक डॉलर इंडेक्स 0.10% बढ़कर 97.62 पर पहुंच गया।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.83% की गिरावट के साथ 65.82 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
घरेलू शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 287.93 अंक चढ़कर 81,836.66 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 84.25 अंक बढ़कर 25,089.75 पर पहुंच गया।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को ₹3,472.37 करोड़ मूल्य के शेयर बेचे।
इस बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार (11 सितंबर) को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर मार्च में शुरू हुई बातचीत सकारात्मक माहौल में आगे बढ़ रही है और दोनों देश इस प्रगति से संतुष्ट हैं। यह टिप्पणी ट्रंप की उस घोषणा के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता को सफलतापूर्वक पूरा करने में "कोई कठिनाई" नहीं होगी और वह आने वाले हफ्तों में अपने "बहुत अच्छे दोस्त" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं।
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