भारत की तरफ से गेहूं के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध के ऐलान के बाद सोमवार को गेहूं की कीमतें रिकॉर्ड हाई लगाती नजर आई। गौरतलब है कि भारत में इस सीजन में समय से पहले हिट वेब शुरु होने के कारण गेहूं के उत्पादन पर नेगेटिव असर पड़ा है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के साथ ही गेहूं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। घरेलू बाजार में भी गेहूं के भाव तेजी से बढ़ते नजर आ रहे थे।
खाद्य सुरक्षा को देखते हुए भारत सरकार ने देश से गेहूं के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद से बाजार में गेहूं की कीमतों में और तेजी आती दिख रही है। यूरोपियन बाजारमें आज गेहूं का भाव 435 Euro (453 डॉलर ) प्रति टन पर पहुंच गया।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिली है। इसके चलते फ्लोर मिलों और उपभोक्ताओं को मुश्किल का सामान करना पड़ रहा है। सरकार गेहूं की कीमतों को बढ़ने से रोकना चाहती है।
अप्रैल में गेहूं की होलसेल कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली है। इसके दाम 5-7 फीसदी तक चढ़े हैं। खुले बाजार में गेहूं के दाम MSP से ज्यादा हैं। किसान अपनी उपज खुले बाजार में बेच रहे हैं। किसानों की दिलचस्पी सरकार को गेहूं बेचने में नहीं है।
इधर, समय से पहले तेज गर्मी पड़ने से फसल पर बुरा असर पड़ा है। सरकार ने 2021-22 फसल वर्ष के लिए गेहूं प्रोडक्शन का अनुमान 5.7 फीसदी घटाया है। यह अनुमान 11.13 करोड़ टन से घटाकर 10.50 करोड़ टन किया गया है। बता दें कि पिछले फसल वर्ष में 10.95 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।