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HDFC: लिस्टिंग की सालगिरह आज, दमदार कमाई के 41 साल

1978 में लिस्टिंग से शुरु हई ये कहानी आज बाजार की ब्लॉकबस्टर है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 03, 2019 पर 11:38 AM
HDFC: लिस्टिंग की सालगिरह आज, दमदार कमाई के 41 साल

जहां हम खड़े होते हैं लाइन वहां से शुरू होती है। कालिया फिल्म में अमिताभ बच्चन का ये डॉयलॉग आज भी सुपरहिट है। बाजार में कुछ ऐसा ही रुतबा है HDFC का। बाजार का शहंशाह कहिए या भरोसे का दूसरा नाम। इसकी चमक के आगे सब फीके है। इसने सफलता की जो लकीर खींची है उसे पार करना आसान नहीं है। आज इसकी लिस्टिंग के 41 साल हो गए हैं। 1978 में लिस्टिंग से शुरु हई ये कहानी आज बाजार की ब्लॉकबस्टर है, इसकी चमक आज भी 24 कैरेट गोल्ड जैसी है। HDFC के 41 साल का सफर कैसा रहा आइए जानते हैं।

HDFC लिस्टिंग बीएसई पर 3 जुलाई 1978 को और एनएसई पर 5 अगस्त 1996 को हुई। 100 रुपये Face Value पर इस लिस्टिंग हुई थी। 1995 में बैंक कारोबार अलग लिस्ट हुआ। HDFC में 1978 में किया गया 10000  का निवेश आज 2.45 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें 20 लाख रुपये का डिविडेंड भी शामिल है। वहीं आईपीओ के 100 शेयर 10000 शेयर हो गए हैं।

HDFC कंपनियों के फैलते साम्राज्य की बात करें तो आज इस ग्रुप की 3 लिस्टेड और 8 अनलिस्टेड कंपनियां हैं। 2 कंपनियों की लिस्टिंग की तैयारी है। HDFC की कुछ दिलचस्प बातों पर गौर करें तो इसका IPO पूरा नहीं भरा था। कंपनी नें अब तक सिर्फ 1 बार बोनस दिया है। इसका हाउसिंग फाइनेंस में करीब 40 फीसदी मार्केट शेयर है। HDFC में दीपक पारेख के हिस्से की वैल्यू करीब 260 करोड़ रुपये है। इसकी लिस्टेड कंपनियों में निवेश की वैल्यू 2 लाख करोड़ रुपये है।

HDFC के 41 साल के सफर पर बात करते हुए कंपनी के Vice Chairman & CEO Keki Mistry ने बताया कि 1977 में HDFC की शुरुआत की गई थी। उस जमाने में हाउसिंग लोन नहीं मिलता था। बैंक हाउसिंग लोन नहीं देते थे। तब फंड जुटाना काफी मुश्किल काम था। कंपनी को IFC, LIC से कर्ज मिला जिससे फंड की दिक्कत दूर हुई। कंपनी को IFC से 40 लाख डॉलर और LIC  से 10 करोड़ का फंड मिला। फंड मिलने के बाद हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अच्छी एसेट क्वालिटी, संतुलित ग्रोथ कंपनी का लक्ष्य रहा। मार्केट शेयर, अधिक ग्रोथ के पीछे नहीं भागे इसका फायदा मिला।

उन्होंने आगे कहा कि फाइनेंस सेक्टर में ग्रोथ की काफी संभावना है। हाउसिंग, इंश्योरेंस, एजुकेशन में काफी मौके हैं। निवेशकों को सलाह है कि लंबी अवधि के लक्ष्य के साथ कारोबार करें। निवेशकों को धैर्य बनाए रखना चाहिए। सभी कंपनियों के अच्छे-बुरे दिन आते हैं। लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करें। छोटी अवधि में अधिक रिटर्न के पीछे नहीं भागे और अच्छी मैनेजमेंट वाली कंपनियों में निवेश करें।

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