Uric Acid: अब नहीं झेलना पड़ेगा जोड़ों का दर्द, ये सस्ती चीज करेगी यूरिक एसिड का सफाया!
Uric Acid: हमारे भोजन में मौजूद प्यूरीन नामक तत्व आमतौर पर यूरिक एसिड बनाकर पेशाब के जरिए बाहर निकल जाता है। लेकिन जब इसका स्तर अधिक हो जाता है, तो ये शरीर में जमा होने लगता है, जिससे जोड़ों में दर्द, सूजन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं
Uric Acid: गैस, अपच और एसिडिटी जैसे पाचन संबंधित कारण भी यूरिक एसिड को बढ़ावा दे सकते हैं।
बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई बदलाव स्वाभाविक हैं, लेकिन आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली और गलत खानपान इन बदलावों को और भी तेजी से प्रभावित कर रहे हैं। पहले जहां जोड़ों का दर्द या उंगलियों की अकड़न बुजुर्गों में आम मानी जाती थी, वहीं अब ये समस्याएं 40 की उम्र पार करते ही दिखाई देने लगी हैं। अगर आपको भी घुटनों में अकड़न, उंगलियों में जकड़न या चलने-फिरने में परेशानी महसूस होने लगे, तो इसे नजरअंदाज न करें। ये संकेत हो सकते हैं कि आपके शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ रहा है।
बढ़ा हुआ यूरिक एसिड न सिर्फ जोड़ों में क्रिस्टल जमा करता है, बल्कि गठिया, गाउट और सूजन जैसी समस्याओं की वजह भी बन सकता है। ऐसे में समय रहते लाइफस्टाइल में बदलाव और कुछ असरदार घरेलू उपायों को अपनाकर इस परेशानी से राहत पाई जा सकती है।
शरीर में कैसे बनता है यूरिक एसिड?
हमारे खान-पान में मौजूद प्यूरीन नामक तत्व जब टूटता है, तो उससे यूरिक एसिड बनता है। आमतौर पर ये पेशाब के जरिए बाहर निकल जाता है, लेकिन जब ये जरूरत से ज्यादा बनता है या शरीर से सही तरीके से बाहर नहीं निकलता, तो ये खून में जमा होने लगता है और धीरे-धीरे जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में बैठ जाता है।
यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या होता है असर?
यूरिक एसिड बढ़ने पर गठिया, सूजन, तेज दर्द और गाउट जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। ये खासतौर पर घुटनों, टखनों और उंगलियों में दर्द और अकड़न पैदा करता है, जिससे चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है।
ओट्स और अदरक का जबरदस्त कॉम्बो
डॉक्टर बताते हैं कि ओट्स और अदरक का मिश्रण यूरिक एसिड कंट्रोल करने में बेहद कारगर हो सकता है। ओट्स में पाए जाते हैं एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण, जो जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करते हैं।अदरक शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करती है और साथ ही दर्द से राहत भी देती है।
जोड़ों के लिए नेचुरल पेनकिलर
जब यूरिक एसिड से जोड़ सख्त और सूजने लगते हैं, तब ओट्स और अदरक का सेवन प्राकृतिक दर्द निवारक (नेचुरल एनाल्जेसिक) की तरह काम करता है। ये जोड़ों को लचीलापन देता है और मूवमेंट को आसान बनाता है, खासकर घुटनों और कमर के दर्द में राहत देता है।
लिवर और किडनी भी होंगी मजबूत
यूरिक एसिड पेशाब से बाहर निकलता है, लेकिन अगर किडनी कमजोर हो तो ये प्रक्रिया धीमी हो जाती है। अदरक और ओट्स दोनों ही लिवर और किडनी के कार्य को सहारा देने का काम करते हैं, जिससे टॉक्सिन्स शरीर से आसानी से बाहर निकल पाते हैं।
पाचन भी सुधरेगा, राहत भी मिलेगी
गैस, अपच और एसिडिटी जैसे पाचन संबंधित कारण भी यूरिक एसिड को बढ़ावा दे सकते हैं। ऐसे में अदरक और हल्दी जैसे प्राकृतिक तत्व पाचन क्रिया सुधारते हैं और भोजन को बेहतर तरीके से पचाने में मदद करते हैं। इससे यूरिक एसिड का उत्पादन भी नियंत्रित रहता है।
बिना दवा के पाए आराम
अगर सही खानपान और घरेलू उपायों को समय रहते अपनाया जाए, तो यूरिक एसिड को बिना दवा के नेचुरली कंट्रोल किया जा सकता है। खासकर ओट्स और अदरक जैसे सुपरफूड्स को डाइट में शामिल कर आप शरीर को अंदर से मजबूत बना सकते हैं और जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।