सर्दियों का तोहफा बथुआ, स्वाद और सेहत दोनों का खजाना है। गेहूं और सरसों की फसलों के साथ उगने वाला यह साग हर थाली में अपनी जगह बनाता है। बथुआ सिर्फ स्वादिष्ट नहीं है, बल्कि इसमें सेहत के अनमोल राज छिपे हुए हैं। विटामिन B1, B3, B5, विटामिन C, आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस से भरपूर बथुआ इम्युनिटी बढ़ाने, खून की कमी दूर करने और आंखों की रोशनी तेज करने में मदद करता है। इसका साग, रायता या पूड़ी बनाएं हर रूप में बथुआ दिल जीत लेता है। ताजी पत्तियों का रस पीने से गुर्दे की पथरी और पेट के कीड़ों से छुटकारा मिलता है।
वहीं, इसका पानी त्वचा की समस्याओं को भी दूर करता है। महिलाओं के लिए यह साग किसी वरदान से कम नहीं, खासकर माहवारी की समस्याओं में। बथुआ सर्दियों में स्वाद और सेहत का अनमोल तोहफा बना देता है।
बथुआ से इम्यूनिटी होगी मजबूत
बथुआ में विटामिन B1, B3, B5, विटामिन C, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस और विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, एनीमिया दूर करने और आंखों की रोशनी तेज करने में मददगार होते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर को जरूरी पोषण मिलता है और सर्दियों में इम्युनिटी मजबूत रहती है।
बथुआ से चेहरे में आएगा ग्लो
बथुआ का स्वादिष्ट साग, रोटी, पूड़ी या रायता बनाकर खाया जा सकता है। इसकी ताजी पत्तियों का रस पीने से गुर्दे की पथरी और पेट के कीड़ों से छुटकारा मिलता है। बथुआ के पानी से त्वचा धोने पर स्किन प्रॉब्लम्स भी दूर हो सकती हैं।
बथुआ महिलाओं की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद आयरन खून की कमी पूरी करता है, जबकि इसकी गर्म तासीर माहवारी की समस्याओं में राहत देती है। माहवारी रुक-रुक कर होने पर बथुआ के रस में काला नमक मिलाकर पीने से फायदा होता है।
बथुआ सर्दियों का एक सस्ता, पौष्टिक और असरदार सुपरफूड है। इसे अपनी डाइट में शामिल करके आप स्वाद और सेहत दोनों का लाभ उठा सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।